विकासनगर, सतपाल धानिया
वैश्विक आपदा बन चुके कोरोना वायरस क़ो लेकर उत्तराखंड सरकार महज कागजो में ही सक्रिय नजर आ रही है धरातल की बात की जाये तो पछ्वादून क्षेत्र में कही भी कुछ नजर नही आ रहा है बात की जाये औद्योगिक नगरी सेलाकुई की, तो सरकार या उसके नुमाइंदे इस शहर क़ो लेकर बिल्कुल भी गंभीर दिखाई नही दे रहे हैं।
लगभग चार लाख आबादी वाले सेलाकुई में कोरोना वायरस से निपटने के लिऐ ना ही तो कोई अच्छा हॉस्पिटल है ना ही क्षेत्र क़ो सेनेटाइजर किया गया है स्थानीय जनता विधायक सहदेव पुंडीर सांसद रानी राज्य लक्ष्मी शाह औऱ सभी जिम्मेदार विभागों से गुहार लगा चुकी है लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस आपदा क़ो गंभीरता से नही ले रहे हैं।
सभी विभागों औऱ माननीयों के सामने गुहार लगाकर थक चुके ग्रामीणो ने क्षेत्र के कुछ जिम्मेदार लोगो से सेनेटाइजर करने की गुहार लगाई तो सेलाकुई पूर्व व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुधीर रावत औऱ पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुमित चौधरी ने अपने खर्च पर पूरे सेलाकुई क़ो सेनेटाइजर करने क़ा बीड़ा उठाया है।
दोनों समाजसेवियों ने आज सेलाकुई की हर गली मोहल्ले में ट्रैक्टर से कीटनाशक दवाइयों से स्प्रे किया जिससे कोरोना वायरस क़ो खत्म किया जा सके जब हमारी टीम द्बारा सुमित चौधरी औऱ सुधीर रावत से फ़ोन पर संपर्क किया गया तो उनका कहना है कि जब तक सेलाकुई के कोने कोने क़ो सेनेटाइजर ना कर दे तब तक उनका यह अभियान जारी रहेगा हालाकि कल नगर निगम द्बारा एक ट्रैक्टर भेजा गया था शहर में स्प्रे के लिए लेकिन एक ट्रैक्टर कीटनाशक से चार लाख आबादी वाले क्षेत्र क़ो सेनेटाइजर करना ऊंट के मुंह में जीरे समान है,तो वही कोरोना वायरस से बचाव की बात की जाये तो सेलाकुई थाना पुलिस बहुत मुस्तैद दिखाई दे रही है जो लॉक डाउन क़ा सख्ती से पालन कर कोरोना वायरस पर काफी हद तक बिना किसी संसाधन के लगाम लगाने क़ा प्रयास कर रही है औऱ लोगो क़ो घरो में रहने के लिऐ मोर्चा संभाले हुए है सेलाकुई थाना पुलिस की अपने सिपाहियों औऱ थानाध्यक्ष के दम पर बहुत बड़ी आबादी क़ो लॉक डाउन करना एक सराहनीय कार्य है लेकिन अगर सरकार से राहत औऱ रसद की बात की जाये तो ऐसा कुछ नही है जिसकी सराहना की जा सके क्योंकि सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मजदूर तबका रहता है जो इंडस्ट्री में काम करके अपना भरण पोषण करता है।
लॉक डाउन के दौरान सभी मजदूर अपने अपने घरों में है अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर क्या उनके घरों में खाने पीने की सामग्री है भी या नही सरकार क़ो इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए जिससे कि किसी भी व्यक्ति क़ो असुविधा ना हो तो वही सेनेटाइजर कर रहे स्थानीय लोगों की क्षेत्र में सराहना की जा रही है।
लोग यह भी कह रहे है अगर इस तरह के जागरूक लोग ना हों तो सरकार के भरोसे रहकर देर ना हो जाये।