देहरादून में लॉक डाउन की गाइडलाइंस के मुताबिक नाई की दुकानें बंद हैं और जमातियों में कोरोनावायरस के मामले पॉजिटिव आने पर मुस्लिम समुदाय के नाईयों से बाल कटाने से परहेज कर रहे हैं।
इस रिपोर्ट का उद्देश्य न तो यह है कि बाल काट रहे नाइयों पर पुलिस प्रशासन जुलम ढाना शुरू कर दे और न ही इस रिपोर्ट का उद्देश्य किसी समुदाय विशेष को उद्द्वेलित करना है। इसका उद्देश्य सिर्फ कोरोना के खतरों को आम जनता और शासन प्रशासन के संज्ञान मे लाना है।
हाल ही में बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने नाइयों से बाल हटाने की अपील करके एक अलग तरह का माहौल निर्मित कर दिया है।
अब अधिकांश लोग नाइयों की दुकानें बंद होने और अधिक संख्या नाइयों के मुस्लिम समुदाय से संबंधित होने के कारण हिंदू धर्म से आने वाले सैन समुदाय के लोगों से बाल कटाना पसंद कर रहे हैं।
लोगों की इस मनोदशा को समझते हुए सैन समुदाय से संबंधित नाइयों की देहरादून में बाकायदा क्षेत्र के आधार पर मोबाइल नंबर के साथ एक पीडीएफ फाइल लोगों के मोबाइल नंबरों में और व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल हो रही है।
इस पीडीएफ फाइल का नाम है “हिंदू बार-बार शाॅप्स इन देहरादून।” इस लिस्ट में देहरादून के अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से 61 नाइयो के नाम, फोन नंबर और पते दिए गए हैं।
जब पर्वतजन ने एक नाई से बात की तो उस नाई ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि सैन समुदाय सदियों से बाल काटने का काम करता है और देहरादून में सैन समुदाय से संबंधित नाइयों की यूनियन बनी हुई है।
हिंदू बार्बर के नाम से सर्कुलेट हो रही इस लिस्ट में भी 50% से भी अधिक नाई सैन समुदाय से ही संबंध रखते हैं। इनकी दुकानें भले ही बंद हो लेकिन लोग इनके घरों में जाकर बाल कटा रहे हैं और इनके घरों पर काफी भीड़ लगी हुई है। अथवा यही लोग फोन से संपर्क के बाद लोगों के घर-घर जाकर बाल काट रहे हैं।
यहां पर अहम सवाल यह है कि जब से कोरोना को जमातियों से जोड़कर देखा जाने लगा है, तब से अधिसंख्य लोगों को लगता है कि हिंदू समुदाय के नाइयों से बाल कटाने पर कोरोना नहीं होगा।
यह है खतरा
नाइयों के पास बाल कटाने के औजार, ब्रश तथा एप्रन एक ही होता है।
नाई भले ही यह तर्क दें कि वह दूसरे व्यक्ति के बाल काटने से पहले औजारों को सैनिटाइज करते हैं लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिल रहा है।
इस तरह के घटनाक्रमों से कुछ सवाल उठते हैं। एक तरफ तो कोरोनावायरस के नाम पर नफरत का वायरस भी तैयार हो रहा है तो दूसरा नाइयों की दुकानें बंद रहने के आदेशों का इस तरह से उल्लंघन हो रहा है और तीसरा नाइयों के यहां भीड़ होने तथा औजार और एप्रेन कई लोगों पर प्रयोग होने के कारण कोरोनावायरस का खतरा बना हुआ है।
इस पूरी लिस्ट को यदि सर्विलांस पर लगाया जाए तो पिछले एक सप्ताह में इन मोबाइल नंबरों की लोकेशन कहां कहां पर रही है, उससे पता चल जाएगा कि इस लिस्ट में शामिल कितने नाई बाल कटाने के लिए कहां-कहां पर मूवमेंट कर चुके हैं !
कुछ समय पहले नाई दूसरे के घरों में बाल कटाने के लिए जाते समय बाकायदा एक झोले में सारा सामान ले जाते थे लेकिन अब कुछ नाई सिर्फ कैंची, ब्रश और कंघी अपनी जेब में रखकर चल रहे हैं तथा बाकी पानी तथा कपड़ा बाल कटाने वाले घर के मालिक से ही मांग रहे हैं।