राशनकार्ड ऑनलाइन कराने की आड़ में ग्रामीण राशन से वंचित
रिपोर्ट- सूरज लडवाल
चम्पावत। जिले के पाटी ब्लॉक अंतर्गत धूनाघाट स्थित आरएफसी गोदाम की इंचार्ज एफजीआई बीते छह माह से राशनकार्ड को ऑनलाइन करने में आनाकानी कर रही है। जिससे उक्त परिवार को राशन न मिल पाने के अलावा अन्य कार्यों में भी समस्या आ रही है। कई बार एफजीआई से राशनकार्ड ऑनलाइन करने की बात कही गई, लेकिन मैडम के कानों में जूँ तक नहीं रेंग रही है। एफजीआई मैडम की कार्यप्रणाली तब सवालों के घेरे में आ गई जब छह महीने बाद महोदया ने राशनकार्ड के रिकार्ड में न होने की बात कह दी। गातव्य हो कि, यह वही राशनकार्ड है जिसमें पिछले कई दशकों से राशन मिलता आ रहा है। लेकिन मैडम की मनमानी ऐसी कि राशनकार्ड के रिकार्ड में न होने की बात कह दी।
इससे साफ स्पष्ट होता है कि, एफजीआई की कार्यप्रणाली जनता को परेशान करने वाली है। जो अब सवालों के घेरे में है। एफजीआई के इस प्रकार के रवैये के बाद अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अब अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है कि, राशनकार्ड के पिछले डेढ़ वर्ष का राशन सरकार ने रोक दिया या उक्त राशनकार्ड का राशन डकार लिया गया। औऱ सवाल ये भी उठ रहा है कि, क्या राशनकार्ड ऑनलाइन नहीं होने पर ग्रामीण राशन पाने का हकदार नहीं है। अगर ऐसा है तो क्यों विभाग ने अपने अन्तर्गत आने वाले राशनकार्डों की सूची की जाँच कर राशनकार्डों को ऑनलाइन नहीं करवाया। इन तमाम सवालों के साथ अब धूनाघाट एफजीआई सवालों के घेरे में आ गई हैं। इतना ही नहीं एफजीआई का कहना है राशनकार्ड ऑनलाइन करने के लिए टेंडर हो चुका है और टेंडर वाली दुकान में जाकर राशनकार्ड को ऑनलाइन करायें, औऱ डेढ़ साल से राशन न मिलने वाले कार्ड पर पिछले महीने तक राशन मिलने की बात बोलने को कहा गया।
एफजीआई की इन बातों से अब दाल में काला होने की आशंका झलकने लगी है। डेढ़ साल से परेशान व्यक्ति को दूरभाष से हुई वार्ता में एफजीआई द्वारा ये भी कहा गया कि, अगर फिर भी राशनकार्ड ऑनलाइन नहीं हुआ या आप काफी परेशान हो जायेंगे तो राशनकार्ड को मैं ऑनलाइन करूँगी। इससे साफ स्पष्ट होता है कि, एफजीआई की कार्यप्रणाली जनता को परेशान करना है। अभी फिलहाल राशन कार्ड धारक द्वारा लॉकडाउन में बढ़े भाड़े के बावजूद 60 किलोमीटर दूर रीठासाहिब जाकर राशनकार्ड को ऑनलाइन करवाने की प्रक्रिया की है औऱ जिले की चम्पावत सोच पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज कराई है। लेकिन 4 दिन बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।