रिपोर्ट: बिजेंद्र राणा
प्रदेश में दिन प्रतिदिन हड़ताल करने वाले कर्मचारियों का औसत कैलेंडर की बढ़ती हुई तिथियों के समान बढ़ रहा है एवं प्रदेश हड़ताल प्रदेश बनने की और अग्रसर है | इसी क्रम में प्रदेश में हड़ताल कर रहे उपनल द्वारा प्रायोजित संविधा कर्मी अपनी माँगो को लेकर सरकार की रोज़गार नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे है|
इसी क्रम में उपनल विभाग द्वारा 25 फरवरी 2021 को हड़ताल कर रहे उपनल प्रायोजित संविधा कर्मियों के संदर्भ में एक शासनादेश लाया गया कि,यदि कोई भी उपनल कर्मी अकारण विभाग में अनुपस्थिति रहता है तो उपस्तिथि पंजिका में अनुपस्तिथ दर्शाया जाये| एवं जो उपनलकर्मी 5 दिन से अधिक अकारण अनुपस्तिथ रहता है| उस स्तिथि में उनकी सेवा को समाप्त किया जाये एवं उनके स्थान पर उपनल को मांग प्रेषित की जाये|
उपनल विभाग के द्वारा पारित इस शासनादेश के आते ही उपनल कर्मियों ने इसका कड़ा विरोध किया है| उपनल विभाग के इस शासनादेश पर उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने इसकी घोर निंदा करते हुए कहा कि यदि सरकार उनकी माँगो को नहीं मानती है तो आंदोलन को और भी उग्र किया जायेगा एवं हड़ताल कर्मचारियों के द्वारा आज से क्रमिक अनसन भी चालू कर दिया गया है| यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी माँगो को नहीं मान लेती है|
जब पर्वत जन ने इस विषय पर उपनल के महाप्रबंधक से बात की तो उनका कहना है कि, वर्तमान समय में प्रदेश कोरोना जैसे विश्व त्रासदी से जूझ रहा है और अभी-अभी प्रदेश पर आयी विपदा से प्रदेश उभर नहीं पाया है ऐसी विपरीत स्तिथि में कर्मचारियों को सरकार का सहर्ष सहयोग करना चाहिये|
आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव के मध्य नजर यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इतने बड़े कर्मचारी संघ को नाराज़ करके अपना सियासी नुकसान करेगी या सरकार इस विषय पर आंदोलनरत कर्मचारियों के हित में समाधान का कोई नया रास्ता निकालेगी|