मुंबई से उत्तराखंड के प्रवासियों को वापस लाने में असमर्थ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डैमेज कंट्रोल करते हुए सोनू सूद से फोन पर की हुई बात का हवाला फेसबुक पर क्या दिया कि वह इस डैमेज कंट्रोल में खुद ही डैमेज हो गए।
अब लोग कमेंट बॉक्स में उन पर तरह-तरह की टिप्पणियां करते हुए उनका मजाक बना रहे हैं। जाहिर है कि उनको यह सलाह भी किसी सलाहकार ने ही दी होगी।
शेखर सतीजा ने कमेंट में लिखा है कि क्यों ना सोनू सूद को ही मुख्यमंत्री बना दिया जाए आपकी जरूरत ही क्या है फिर। एक और व्यक्ति ने लिखा है कि उत्तराखंड सरकार शर्म करो तो कोई और लिखता है कि उमेश कुमार का भी नाम लेते तो बढ़िया रहता। वही संदीप संदीप नाम की आईडी से तो बेहद आशालीन कमेंट किया गया है। इस कमेंट में लिखा गया है तुम बस फोन से बातें #### रहो।
सीएम त्रिवेंद्र की पोस्ट
मुख्यमंत्री उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत फिल्म अभिनेता सोनू सूद से फोन पर बात की और मुंबई से उत्तराखंड के प्रवासियों को लाने पर उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट करते हैं।
उन्होंने सोनू सूद को उत्तराखंड आने का न्योता फिल्म बनाने के लिए हर संभव मदद के लिए भी आश्वस्त किया।
जबकि हकीकत यह है कि पत्रकार उमेश कुमार के व्यक्तिगत आग्रह पर दोस्ती के नाते सोनू सूद ने मुंबई के प्रवासियों को उत्तराखंड पहुंचाने का दायित्व संभाला था। साथ ही उमेश कुमार के लिए धन्यवाद देते हुए कहा था कि “मुझे खुशी है कि मैं आपके बताए हुए उत्तराखंड वासियों को उनके परिवार वालों से मिलवा सका।”
सोनू सूद और उमेश की चैट
सोनू सूद ने उमेश कुमार को दिए अपने जवाब में लिखा था कि “उत्तराखंड के लोगों के लिए अगर मैं कुछ और कर पाऊं तो मेरा सौभाग्य रहेगा।”
अब जब उत्तराखंड के लोगों को बड़ी मात्रा में मुंबई से उत्तराखंड के लिए एयर लिफ्ट कराया जा चुका है तो फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का केवल सोनू सूद को हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट करने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सवाल यह है कि हृदय की गहराइयों के बावजूद क्या मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को उमेश कुमार द्वारा किए गए कार्य का पता नहीं चल पाया ! अथवा यह भी कोई डिप्लोमेसी है !
सारा उत्तराखंड जानता है कि मुंबई से प्रवासियों को लाने में सोनू सूद के साथ उमेश कुमार ने भी आर्थिक योगदान किया था। किंतु उमेश कुमार का नाम हटाकर सिर्फ सोनू सूद के लिए आभार व्यक्त करने से जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हृदय की आभार गहराइयों से कोई आभार प्रकट नहीं कर रहे बल्कि अब डैमेज कंट्रोल में जुटे हुए हैं।
बहरहाल मुख्यमंत्री के इस डैमेज कंट्रोल की कवायद में वह खुद काफी हद तक डैमेज हो चुके हैं।