जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने आज 03 किमी दूर पैदल चलकर कमेडा कंडारा गांव पहुंचकर इन्टीग्रेटेड फार्मिंग का जायजा लिया। जिलाधिकारी को अपने बीच देखकर काश्तकार खुशी से गदगद नजर आए। इससे पूर्व जिलाधिकारी डूंगरी गांव पहुंचे जहां उन्होंने काश्तकारों द्वारा की जा रही खेती, मत्स्य पालन, पॉलीहाउस, कश्मीरी अखरोट के पौधों का जायजा लिया।
उन्होंने प्रगतिशील किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अन्य युवाओं को भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए, ताकि पलायन को रोकने के साथ-साथ गांव में ही स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे तथा वे अपनी आर्थिकी मजबूत भी कर सकेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे डूंगरी गांव पहुंचे, जहां उन्होंने काश्तकार गणेश नेगी द्वारा की जा रही खेती का जायजा लिया। उन्होंने वहां पॉलीहाउस, मत्स्य पालन, सब्जी उत्पादन को अधिक से अधिक बढ़ाने को कहा, जिससे कि अन्य बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार मिल सके।
तत्पश्चात जिलाधिकारी 03 किमी दूर पैदल चलकर कमेडा कंडारा गांव पहुंचे जहां उन्होंने काश्तकार प्रमोद खंडूड़ी से मछलियों के प्रजाति, मछलियों के लिए चारा तथा कुल लागत के साथ ही सब्जियों की किस्म, पॉलीहाउस, मुर्गी बाड़ा, मौनपालन की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर उन्नत किस्म के बीजों की प्रजाति उद्यान, कृषि विभागों द्वारा काश्तकारों को उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने स्थानीय काश्तकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग में काश्तकारों द्वारा बेहतर कार्य किया गया है। स्थानीय काश्तकारों के द्वारा पॉलीहाउस की मांग पर जिलाधिकारी ने पॉलीहाउस उपलब्ध कराने की बात कही।
इसके अलावा जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत डूंगरी में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्री से मुलाकात कर उनसे आइबर मेक्टिन दवाई व मा. मुख्यमंत्री मेडिकल किट वितरण की जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि घर-घर जाकर सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए दवाओं के किट को वितरित करना सुनिश्चित करें।
इस मौके पर क्षेत्रीय पटवारी मेहराज अहमद, स्थानीय काश्तकार यशवन्त सिंह, ध्रुव सिंह रावत, बबीता आदि मौजूद थे।