उत्तराखंड क्रांति दल के नेतृत्व में शिक्षा सचिव सुंदरम से मिले डीएलएड प्रशिक्षित। सौंपा ज्ञापन
देहरादून। लंबे समय से आंदोलनरत डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार उत्तराखंड क्रांति दल के नेतृत्व में आज शिक्षा सचिव से मिले तथा उन्हें अपनी समस्याओं को लेकर अवगत कराया और शीघ्र नियुक्ति की मांग की। उत्तराखंड क्रांति दल ने शिक्षा सचिव को अवगत कराया कि, उत्तराखंड के डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी हो रही है। उत्तराखंड में सरकारी संस्थानों से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार के समकक्ष दूसरे राज्यों के प्राइवेट डीएलएड कॉलेजों से डिग्री धारियों को लेकर खड़ा कर दिया गया है। उत्तराखंड में डीएलएड में प्रवेश पाने के लिए भी काफी कड़ी परीक्षा से गुजरना होता है।
पिछला बैच में भी 70,000 प्रशिक्षणार्थियों में से मात्र 500 के लगभग डीएलएड के लिए चयनित हुए थे। 2 साल के कठिन प्रशिक्षण और 96 दिनों की जॉब ट्रेनिंग के बाद अब यह प्रशिक्षित बेरोजगार सड़कों पर हैं, जबकि दूसरे राज्यों से प्राइवेट कॉलेजों में जुगाड़ बाजी के दम पर बिना कॉलेज जाए और प्रशिक्षण प्राप्त किए कई अभ्यर्थी काफी ऊंचे परसेंटेज के साथ अब उत्तराखंड के प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के समकक्ष आकर खड़े हो गए हैं और अब सीमित सीटें होने के चलते यहां के डीएलएड प्रशिक्षकों की नौकरी के अवसर पर संकट आ गया है।
डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने शिक्षा सचिव को अपनी नियुक्ति की मांग करते हुए दूसरे राज्यों से डीएलएड प्राप्त करके उत्तराखंड आने वाले अभ्यर्थियों को लेकर काफी विषमता गिनाई। शिक्षा सचिव ने विभागीय अधिकारियों से विचार विमर्श करने का आश्वासन दिया। उत्तराखंड क्रांति दल ने यह संकल्प जताया है कि, वह डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ पूरी तरह से खड़ा है। तथा उत्तराखंड के डीएलएड प्रशिक्षित के साथ नाइंसाफी नहीं होने देगा।
उत्तराखंड क्रांति दल ने उत्तराखंड के मूल निवासी छात्रों के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड में प्राइवेट कॉलेज डीएलएड करने की मनाही है। यहां पर प्राइवेट कॉलेजों को डीएलएड की मान्यता नहीं दी गई है जबकि दूसरे राज्यों प्राइवेट कालेजों से डीएलएड करके आने वालों को यहां के सरकारी डीएलएड प्रशिक्षित प्राप्त अभ्यर्थियों के समकक्ष लाकर खड़ा कर दिया गया है यह उत्तराखंड के रोजगार के अवसरों पर सीधे सीधे डकैती है।
शिक्षा सचिव को ज्ञापन देने वालों में उत्तराखंड क्रांति दल के संजय बहुगुणा, शिव प्रसाद सेमवाल, विजेंद्र राणा, प्रकाश आदि शामिल थे।