देहरादून। उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग में सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने एक बार फिर अपनी सूझबूझ और रणनीतिक नेतृत्व क्षमता का परिचय देते हुए प्रदेश को एक संभावित बड़े स्वास्थ्य संकट से बचा लिया है। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (PMHS) के चिकित्सकों द्वारा दी गई हड़ताल की चेतावनी को देखते हुए जहां राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं संकट में आ सकती थीं, वहीं सचिव डॉ. कुमार के हस्तक्षेप से यह संकट फिलहाल टल गया है।
तीन सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलित चल रहे चिकित्सकों ने शनिवार को अपनी प्रस्तावित हड़ताल को एक माह के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया। चिकित्सकों का कहना है कि वे काफी समय से शासन व मंत्रालय के समक्ष अपनी समस्याएं उठा रहे थे, परंतु समाधान ना निकलने से असंतोष बढ़ता जा रहा था।
इस बीच सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने सक्रियता दिखाते हुए चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की और उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
PMHS अध्यक्ष डॉ. मनोज वर्मा ने सचिव के सहयोगात्मक और सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. कुमार ने न केवल चिकित्सकों की पीड़ा को समझा, बल्कि समाधान के व्यावहारिक विकल्प भी प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि सचिव ने सरकार की प्राथमिकताओं को साझा करते हुए विश्वास दिलाया कि सभी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और तय समयसीमा में समाधान किया जाएगा।
डॉ. वर्मा के अनुसार, सचिव के इस रवैये से प्रतिनिधिमंडल में संतोष का भाव देखा गया, और इसी के चलते संघ ने एक माह के लिए हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया है।
चिकित्सकों को विश्वास है कि डॉ. राजेश कुमार अपने आश्वासनों को निभाएंगे, जैसा कि वे पहले भी कर चुके हैं। उनकी संवेदनशीलता, संवाद क्षमता और निर्णय लेने की दक्षता ने न केवल डॉक्टरों का भरोसा जीता है, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सामान्य बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।