देहरादून। शहर के ऐतिहासिक मातावाला बाग को लेकर हाल ही में कई भ्रांतियां और अफवाहें सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही थीं। इन अफवाहों का जवाब देने के लिए श्री दरबार साहिब प्रबन्धन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया बताया कि बाग में सूचना बोर्ड लगाया गया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि यहां के पेड़ पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी प्रकार की अवैध कटाई नहीं की गई है।
सूचना बोर्ड में पेड़ों की संख्या क्रमबद्ध तरीके से दर्शाई गई है ताकि शासन-प्रशासन, पुलिस, वन विभाग और आमजन को पारदर्शी जानकारी मिल सके। दरअसल, कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा कोर्ट के आदेश और प्रशासनिक निर्देशों की अवहेलना करते हुए झूठी खबरें फैलाई जा रही थीं, जिससे जनभावनाएं भड़क सकती थीं।
शराब की बोतलें और अवैध गतिविधियों का खुलासा
एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के छात्रों ने जब सफाई अभियान चलाया तो मातावाला बाग के विभिन्न हिस्सों से शराब की खाली बोतलें बरामद हुईं। इससे यह स्पष्ट हुआ कि कुछ लोग बाग में शाम और रात के समय शराब, नशा और मांसाहार जैसी गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं। यही नहीं, मांस की गंध से आवारा कुत्ते बाग के अंदर आ जाते थे और हड्डियों के टुकड़े खा जाते थे, जिससे सबूत मिट जाते थे।
इन घटनाओं के दौरान श्री झंडा मेले में संगतों द्वारा इस तरह की गतिविधियां देखे जाने के बाद अमन स्वेडिया और उसके साथियों की पिटाई भी हुई। आरोप है कि इसके बाद अमन स्वेडिया ने खुद अखाड़ा तोड़कर घटनाक्रम को दूसरा रूप देने की कोशिश की और दरबार साहिब पर झूठे आरोप लगाए।
अखाड़े का इतिहास और नया विवाद
बता दें कि वर्ष 1995 से पवन शर्मा मातावाला बाग में चल रहे अखाड़े के प्रमुख कोच रहे हैं। उन्हें दरबार साहिब द्वारा नियुक्त किया गया था और उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें ‘द्रोणाचार्य लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से भी नवाजा गया। कोविड काल के बाद उन्होंने स्वयं अखाड़े से हटने की जानकारी दी थी।
इस दौरान अमन स्वेडिया ने दरबार साहिब की अनुमति के बिना अखाड़े पर कब्जा कर लिया और कुछ असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर बाग में स्थायी पार्किंग और अवैध गतिविधियों की शुरुआत कर दी।
प्रबंधन की सख्ती और कानूनी कार्रवाई
श्री दरबार साहिब के नए प्रबंधक मधुसूदन सेमवाल, जो कि पूर्व CBI और NSA अधिकारी रह चुके हैं, ने बाग की स्थिति सुधारने के लिए कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने अवैध कब्जा हटाने, नशेड़ी तत्वों को बाहर निकालने और सफाई अभियान की शुरुआत की।
जब अमन स्वेडिया को उनकी अवैध कार हटाने को कहा गया, तो उसने सेमवाल पर जातिसूचक शब्दों और झूठे आरोपों के साथ हमला किया। इसके बाद सेमवाल ने उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की। इस कार्रवाई से अमन स्वेडिया और उसके सहयोगी अमित तोमर की अवैध कमाई बंद हो गई, जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने का अभियान शुरू कर दिया।
दरबार साहिब की पहल
श्री दरबार साहिब प्रबन्धन ने पहलवानों के लिए मथुरावाला में एक वैकल्पिक स्थल अखाड़े के लिए नियत कर दिया है, ताकि खेल गतिविधियां जारी रह सकें और मातावाला बाग की शांति व पवित्रता बनी रहे।
मातावाला बाग में दरबार साहिब द्वारा की गई पारदर्शिता और सुरक्षा के प्रयास इस बात का प्रमाण हैं कि संस्थान जिम्मेदारी के साथ अपनी विरासत की रक्षा कर रहा है। असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम और झूठे आरोपों के बीच, सत्य की रक्षा और कानूनी कार्रवाई दोनों आवश्यक हैं।.