एक ओर जहां ताली और थाली से डॉक्टरों का कोरोना वारियर्स के रूप में सम्मान हो रहा है, उनके ऊपर पुष्प वर्षा की जा रही है, वहीं कहीं कहीं इन कोरोना वारियर्स को शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ रहा है, जो कि एक शर्मनाक एवं निंदनीय बात है।
ऐसा ही एक मामला राजधानी देहरादून में देखने को मिला है। डॉ. विपुल भट्ट जो कि एक आर्युवेद चिकित्सक हैं, उनका कारगी चौक में संधानम् आयुर्वेदिक पंचकर्म चिकित्सालय है, और जो कि नारायण विहार में किराए के मकान में सपरिवार निवास करते हैं।
24 मार्च 2020, लाकडाउन प्रारम्भ होने के बाद से ही मकान मालिक के द्वारा डॉ. विपुल भट्ट के ऊपर मकान खाली करने के लिए अनुचित रूप से दबाव बनाया जा रहा है एवं उनके विचार उनके परिवार के साथ लगातार अभद्रता एवं गाली गलौज की जा रही है, जिससे कि उन्हें इस संकट की घड़ी में भी मानसिक उत्पीड़न झेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखण्ड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. डी. सी. पसबोला द्वारा इस घटना की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए बताया गया कि डॉ. विपुल भट्ट द्वारा इस सम्बन्ध में दून पुलिस से शिकायत की गयी है एवं इस सम्बन्ध में भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र से निर्वाचित सदस्य डॉ. महेंद्र राणा. द्वारा आयुष सचिव, उत्तराखण्ङ को पत्र लिखकर इस सम्बन्ध में उचित एवं कठोर कार्यवाही करने को कहा गया है। (pic symbolic)