शराब की कीमतें सस्ती कितनी हुई यह तो आगे पता लगेगा लेकिन जिस प्रकार से ठेके रिन्यू होने की संख्या कम हुई उससे सीधे तौर पर सवाल खड़े हुए हैं। लिहाजा आबकारी मुख्यालय में बड़ी बैठक तलब की गई है। जिसमें सभी डिप्टी, जॉइंट व जिम्मेदार बड़े अफसरों को तलब किया गया है।
खास बात यह है कि सिर्फ हरिद्वार जिले के जिला आबकारी अधिकारी व इंस्पेक्टर तलब किए गए हैं जबकि अन्य किसी भी जनपद का कोई इंस्पेक्टर व सिपाही तलब नहीं किया गया।
इसके पीछे बहुत महत्वपूर्ण और अहम तथ्य यह है कि दावा किया गया था कि उत्तर प्रदेश से राज्य में शराब सस्ती होगी जिस पर सरकार ने अघोषित तौर पर क्रेडिट लेने की कोशिश भी की लेकिन उत्तर प्रदेश से सटे हरिद्वार जिले में परिणाम और उल्टा भयावह देखने को मिले।
हरिद्वार मे आवेदन आने वाले ठेकों की संख्या पिछले वर्ष से कम हो गयी है। जिससे सीधे तौर पर up से सस्ती शराब का कार्ड फेल होना ही माना जा रहा है अब कल आबकारी आयुक्त सुशील कुमार की होने वाली बैठक में निगाहें इस बात पर भी हैं कि क्या हरिद्वार जिले में जूनियर अफसरों को निपटा कर सीनियर को बचाने की कोशिश तो नहीं की जाएगी या क्या सिर्फ चेतावनी देकर ही सब कुछ छोड़ दिया जाएगा, यह तो कल की बैठक पर निर्भर करेगा। लेकिन महकमे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि सीनियर को बचाकर जूनियर को निपटाने की तैयारी है और इसके लिए सभी प्लानिंग कर ली गई। लिहाजा तय किया गया कि सिर्फ हरिद्वार जिले के जिला आबकारी अधिकारी और इंस्पेक्टर को बैठक में बुलाया जाए।
सीएम के गृह व तीन मंत्रियो के जिले पौड़ी में घपला।
अंग्रेज़ी शराब ठेका नाम देवी रोड, चीला नई दुकान सृजित हुई 10-10 करोड़ रुपए राजस्व की सृजित हुई इसमे से एक दुकान बीते वर्ष जनविरोध के कारण नही खुल सकी थी, जिसका राजस्व बीते वर्ष 1 करोड़ 25 लाख रखा गया था।इस वर्ष इन दोनों ठेकों का राजस्व 20 करोड़ कर दिया गया जबकि दोनो ही ठेकों पर कोई आवेदन नही आया है, तो क्या ये सरकारी राजस्व के डुबाने जैसा नही है।ये मामला आबकारी महकमे में बेहद सुर्खियों में बना हुआ है।