नैनिताल: देश-विदेश में फेमस नैनीझील का जलस्तर घटा

बरसात न होने के कारण देश-विदेश में फेमस नैनीझील का घटा जलस्तर

 

रिपोर्ट- कमल जगाती
नैनीताल। देश विदेश में अपनी अलग पहचान रखने वाली नैनीझील का जलस्तर लगातार गिरते जा रहा है। विंटर मॉनसून (ठंड की बरसात) के नहीं होने से झील का स्तर बड़ नहीं सका और इस्तेमाल के कारण घटता गया। उत्तराखंड में नैनीताल की शान मानी जाने वाली नैनीझील का जलस्तर गिरता जा रहा है। जलस्तर जनवरी से अभी तक बरसात नहीं होने के कारण बढ़ नहीं पाया है। पर्यटकों की अचानक भीड़ के आने और स्थानीय लोगों की पानी की बढ़ती खपत के कारण फिर से झील का जलस्तर गिरते जा रहा है।

नैनीताल लाइफ लाइन माने जाने वाली ये खूबसूरत झील जहां पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र है, वहीं ये झील शहर में पेयजल आपूर्ति का एकमात्र माध्यम भी है। नैनीताल में हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं और नैनीझील में नौकायन का आनंद उठाते है। मार्च में लॉकडाउन और सितंबर में अनलॉक होने के बीच नैनीझील का जलस्तर अन्य वर्षो से काफी बेहतर स्थिति में रहा। लेकिन अनलॉक के बाद से पर्यटकों की भारी भीड़ के नैनीताल आने से पानी की खपत भी बड़ गई। जिससे फिर झील का जलस्तर गिरने लगा है। नैनीझील को रिचार्ज करने वाली सुखाताल से भी पानी की आपूर्ति बन्द हो गई है।

नैनीझील का जलस्तर लगातार घटना एक चिंता का विषय है। सर्दियों में वॉटर लेवल पिछले वर्षों की अनुपात में सवा फीट नीचे जा चुका है। जबकि इस वर्ष सर्दियों में बरसात भी बहुत कम हुई है। जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल का कहना है कि, गर्मियों में अगर यही स्तिथि रही तो कम पेयजल दिया जाएगा।

वहीं झील की देख-रेख करने वाले सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता हरीश चंद ने बताया कि, जबसे सिंचाई विभाग को नैनीझील की जिम्मेदारी सौंपी गई, तभी से जलस्तर बढ़ाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि, वॉटर लेवल सुधारने के लिए “लेक लेवल राशनिंग” का कोंसेप्ट लाया गया। जिसके बाद 3000 मिलियन लीटर पानी हर वर्ष बचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि, पिछली जनवरी तक 98.4 एम.एम.बारिश हुई थी, जबकि इस बार सिर्फ 41.7 एम.एम.बारिश हुई है। बर्फबारी से भी झील को अच्छा खासा पानी मिलता है।

- Advertisment -

Related Posts

error: Content is protected !!