उत्तराखंड में वन कर्मियों के लिए नए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिससे जंगल में जान गवाने वाले वन कर्मियों की परिजनों को काफी राहत मिलेगी।
इन प्रस्ताव को जल्दी तैयार कर कैबिनेट के समक्ष सड़क पास किया जाएगा।
वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और आने वाले दिनों में इस प्रस्ताव को कैबिनेट से भी मुहर लगवाई जाएगी।
वन कर्मियों के लिए जंगल एक चुनौती बना रहता है कभी वन्य जीव तो कभी जंगलों की आज वन कर्मियों के लिए चुनौती रहती है।
ऐसे हालातो में कई बार अनहोनी भी हो जाती है और कई वन कर्मियों को इसमें अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
उत्तराखंड में इस साल करीब 8 से 9 वन कर्मियों को जंगलों की आग और वन्यजीवों के हमले में जान गंवानी पड़ी हैपिछले 5 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो यह संख्या करीब 18 है।
वन कर्मियों की इसी चुनौती पूर्ण जिम्मेदारी को देखते हुए वन विभाग ऐसे कर्मचारी को लेकर नए प्रस्ताव को तैयार कर रहा है,इस प्रस्ताव के तहत राज्य में वन विभाग के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारी यदि वनाग्नि की घटना या ड्यूटी के दौरान वन्यजीव के हमले में जान गंवाते हैं तो ऐसे कर्मियों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसमें संविदा या आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कर्मचारी भी शामिल होंगे.