ब्रेकिंग: कम घनत्व वाले वनों के मामले में केंद्र व राज्य सरकार से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

कमल जगाती/नैनीताल

उत्तराखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने दस हैक्टेयर से कम क्षेत्र में फैले या 60 प्रतिशत से कम घनत्व वाले वनों को वन नही मानने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।

मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशू धूलिया और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी रेनू पाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 21 नवम्बर 2019 को उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण अनुभाग ने एक आदेश जारी कर कहा है कि उत्तराखंड में जहां दस हैक्टेयर से कम या 60 प्रतिशत से कम घनत्व वाले वन क्षेत्र है उनको वनों की श्रेणी से बाहर रख दिया है या उनको वन नहीं माना है और ना ही वन्यजीवों का उल्लेख किया है। जबकि कर्नाटक मैदानी क्षेत्र है वहाँ पर दो हैक्टेयर में फैले जंगलों को वन क्षेत्र घोषित किया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है की राज्य सरकार द्वारा वनों को परिभाषित करने के जो नियम बनाए गए हैं वे पूर्णतः असंवैधानिक है।

Read Next Article Scroll Down

Related Posts