एक लोन के चार रिश्वतखोर। कैसे चलेगी स्वरोजगार योजना!!
उत्तराखंड में आजकल बेरोजगारों को स्वरोजगार करने के लिए आसान दरों पर ऋण उपलब्ध कराने का बड़ी जोर शोर से शोर मचाया जा रहा है। लेकिन पर्वतजन के हाथ एक ऐसा ऑडियो लगा है जिससे साफ हो जाएगा की लोन देने वाले बैंक किस तरह से स्वरोजगार करने के इच्छुक उद्यमी को पहले ही चूसने पर लगे हुए हैं। इस ऑडियो में रिश्वत की मांग करने वाली एक महिला सहकारी बैंक की सेक्शन ऑफिसर बताई जा रही है। ऑडियो में आप साफ सुन सकते हैं कि, महिला अधिकारी को पहले ही उसके चाय पानी का इंतजाम मिल चुका है लेकिन तीन और कर्मचारियों को भी ₹30 हजार देने की मांग कर रही है।
इस ऑडियो के अनुसार जब लोन लेने के इच्छुक व्यक्ति महिला अधिकारी से संपर्क करते हैं तो सेक्शन आफिसर ऑडियो में कहती है कि, उससे ऑफिस में मिलने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि वह ऑफिस में किसी से बात नहीं करती। महिला अधिकारी लोन लेने वाले व्यक्ति को कहती है कि, वह उन्हें घर पर ही आकर मिले अथवा जब वह घर से बाहर निकलेगी तो रास्ते में एक मंदिर पर वह मिल सकती है।
इस ऑडियो से एक यह भी खुलासा हुआ है कि, किस तरह से उद्यमी को पूरा लोन नहीं मिल पाता है और लोन की रकम में उसे किस तरह से बैंक के कर्मचारियों और दलालों का पेट भरना पड़ता है। ऑडियो में महिला अफसर की आवाज साफ सुनी जा सकती है, जिसमें वह कह रही है कि, ₹10लाख के लोन के आवेदन पर मात्र ₹7लाख ही लोन मिलेगा और उसमें से भी उसके अलावा तीन अन्य लोगों को भी रिश्वत देने की डिमांड यह महिला कर रही है।
ऑडियो में महिला अफसर यह भी कह रही है कि, वह फोन पर ज्यादा बात नहीं करती फोन पर वह सिर्फ यस और नो ही करती है। इस ऑडियो से समझा जा सकता है कि, उत्तराखंड में बैंक किस तरह से ऋण देने वाले आवेदकों का शोषण कर रहे हैं। बहरहाल यह देखने वाली बात होगी कि, इस ऑडियो के खुलासे के बाद जीरो टोलरेंस की सरकार इस महिला अधिकारी और बैंक के दलालों के खिलाफ कोई कार्यवाही करती है या फिर उल्टा पर्वतजन के खिलाफ एक और F.I.R लिख दी जाएगी।
महिला अधिकारी ने इस मामले मे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उनका सिर्फ यही कहना था कि, यह ऑडियो काफी पुराना है तथा काट छांट करके बनाया गया है। और वह इस मामले में उच्चाधिकारियों को अपना जवाब दे चुकी है।