हल्द्वानी में 2017 से भाजपा सरकार की एक बड़ी परियोजना हल्द्वानी रिंग रोड हर वर्ष चर्चाओं में आने लगती है,परंतु 8 साल बाद भी अभी तक रोड नहीं बन सकी है।
अब इसको लेकर फिर एक बार जब चर्चा होने लगी तो किसान उग्र हो चुके हैं,किसानों ने स्पष्ट किया है वह जमीन सड़क के लिए नहीं देना चाहते।
मामले ने तूल तब पकड़ी जब 2 सितंबर को निर्माण खंड विभाग लोक निर्माण विभाग हल्द्वानी के कुछ अधिकारी रामपुर रोड के गन्ना सेंटर में पहुंचे और उन्होंने दुकानदारों से कहा कि आपकी जमीन दुकान का रिंग रोड के लिए सीमांकन किया जाएगा,विरोध करने पर अधिकारियों को बिना सीमांकन किया वापसी जाना पड़ा।
अब उसके बाद किसानों ने तत्काल अस्थाई रूप से किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर उसके बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
आंदोलन का नेतृत्व किसान पुत्र युवा कर रहे हैं दिन रात वह रामलीला मैदान में टेंट डालकर बैठे हुए हैं,उन्होंने आज इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग कार्यालय में एक सप्ताह की चेतावनी देते हुए विभाग से कुछ प्रश्न किए हैं ।
आप भी पढ़िए समिति के प्रश्न:
निर्माण खंड लोक निर्माण विभाग हल्द्वानी बताएं की हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना अब इस रास्ते पर ही बनेगी क्या यह तय हो चुका हैं??
समिति ने पूछा सीमांकन हेतु निर्माण खंड द्वारा किसानों को संविधान में हुए 44वें संशोधन से प्राप्त संपति के अधिकारों के अनुसार सर्वे की जानकारी आखिर क्यों नहीं दी गई थी??
समिति ने कहा उनके पास अलग अलग किसानों की आपत्तियां आई हुई थी, जिसे समिति के गठन पूर्व आपके कार्यालय को 3 सितम्बर 2024 को उपलब्ध करा दी गई थी जिसमें लगभग 2 दर्जन किसानों ने स्पष्ट किया था की इस परियोजना के लिए अपनी कृषि भूमि दुकान मकान आदि नही देना चाहता हैं,उन आप्तियोँ पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? एवम किसानों को आपत्ति होने के बाद भी आखिर उनसे भूमि स्वामित्व के अभिलेख क्यों मांगे जा रहे हैं इन अभिलेखों को मांगने के पीछे विभाग अपनी मंशा स्पष्ट करें??
विभाग द्वारा इस परियोजना से संबंधित कुल कितने सर्वे किए गए हैं एवं अन्य सर्वे किन कारणों से परियोजना से हटाकर किसानों के खेत वाले रास्ते को क्यों चुना गया यह स्पष्ट करने की मांग करी है,समिति ने कहा है कि परियोजना संबंधित समस्त नक्शे समिति को उपलब्ध कराएं जाएं।
जानकारी के अनुसार,युवाओं ने अब दो टूक हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना का विरोध यह कहते हुए शुरू कर दिया है कि इस परियोजना को किसानों के खेतों मकानों दुकानों को ध्वस्तीकरण करते हुए सरकार बनाना बंद कर दे।
समिति ने यह भी बताया है कि यदि जल्द ही लोक निर्माण विभाग उनकी मांग को नहीं मानता है,समिति के प्रश्नों के जवाब नहीं देता है तो जल्द आंदोलन को रैली की दिशा में पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुंचाया जाएगा।