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असर : कोरोना के लंबित सैंपल का स्वास्थ्य सचिव नेगी ने लिया संज्ञान। रेगुलर अपडेट के निर्देश

June 10, 2020
in पर्वतजन
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“लैब से सैंपल लंबित रखने, परिणाम रोकने और रिजेक्शन की डीजी हैल्थ अपडेट जानकारी लें”
—स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी की पहल रंग लायेगी !
– भूपत सिंह बिष्ट
प्रदेश में कोरोना महामारी संक्रमण रोकने के लिए अब स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने ठोस पहल की है और हैल्थ व्यवस्था को ऊपर से नीचे तक चुस्त दुरूस्त किया जा रहा है। आज की बुलेटिन में 40 872 सैंपल दिए के हैं और साथ ही 859 सैंपल नए तथा 990 रिपीट सैंपल भेजे गए हैं।

जून 9 की बुलेटिन में 40264 सैंपल लिए गये है और साथ ही 5846 नए और 985 रिपीट सैंपल लंबित होने का डाटा है , जो कि कुल सैंपल का लगभग 17 प्रतिशत है।

उल्लेखनीय है कि 8 जून की बुलेटिन में प्रदेश की लैब में मात्र 666 परिणाम आ पाये, जबकि 6 जून को 1148 व 7 जून को 1156 लैब ने परिणाम दिये हैं। कल यह परिणाम 1074 रहे हैं। अमित नेगी इस गति को धीमा नहीं देखना चाहते हैं।
डीजी हैल्थ अब लंबित सैंपल, रिजेक्टिड सैंपल और रोके गए कोरोना परिणाम की नवीनतम जानकारी संबंधित लैब से प्राप्त करने की व्यवस्था रखेंगे। स्वाभाविक है कि अब कोरोना परिणामों को गति मिलेगी।
कल रात तक कोरोना के 1537 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और कोरोना मरीजों का डिस्चार्ज आंकड़ा 755 हो गया है। लैब में कोरोना पीडि़त की पुष्टि के बाद इलाज के लिए हास्पीटल की प्रमुख भूमिका है। अभी प्रदेश के हास्पीटलों में कोरोना पीडि़तों के लिए केंद्र सरकार के एम्स की चर्चा आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं आइसीयू व वैंटीलेटर के कारण है। हर डिस्ट्रिक में कोरोना पीडि़तों के लिए सरकारी हास्पीटल में चुस्त बंदोबस्त निराशा के वातावरण को आशा में बदल देगा।
कोरोनेशन हास्पीटल के सीएमओ डा. बीसी रमोला का बयान आया है कि जिन मरीजों के कोरोना लक्षण स्पष्ट नहीं हैं और वे दस दिन हास्पीटल में स्थिर स्वस्थ रहे हैं। केंद्र सरकार के नये निर्देशों के अनुरूप बिना कोरोना टेस्ट के उन्हें घर पर 14 दिन के लिए क्वारंटीन के लिए डिस्चार्ज किया जा सकता है और तब सरकारी हास्पीटल में कोरोना के नाजुक मरीजों की देखभाल संभव है।
कोरोना का प्रकोप बाहरी राज्यों से लौट रहे उत्तराखंडी नागरिकों में उभरा है और उन के लिए सरकार ने क्वारंटीन केंद्रों की व्यवस्था या भुगतान पर होटल में क्वारंटीन करने की नीति बनायी है। हास्पीटल के साथ अब इन क्वारंटीन केंद्रों की भी नियमित मोनिटिरिंग आवश्यक हो गई है।

क्वारंटाइन केंद्र की अव्यवस्था चिताजनक
क्वारंटीन केंद्रों की अव्यवस्था सरकार के लिए अपयश के साथ कोरोना संक्रमण का हाट स्पाट भी बन सकती है। हास्पीटलों की तरह क्वारंटीन केंद्रों में चाक चैबंद व्यवस्था बनाने से कोरोना की जंग जीतना सरल है।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी क्वारंटीन केंद्रों को आदर्श हैल्थ शिविर बनाने के लिए स्वादु भोजन, साफ सफाई ,योग, जैसी दिनचर्या के लिए पहल कर सकते हैं। इन व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए सरकारी महकमें के साथ टूरिज्म से जुड़े विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है। वैसे भी उत्तराखंंड चारधाम तीर्थ यात्रा के अलावा सुखद और शकून देने वाले पर्यटन सुविधाओं के लिए देश – विदेश के टूरिस्टों का प्रिय स्थल है। क्वारंटीन केंद्रों में भोजन, प्रसाधन गृह, मनोरंजन और असुरक्षा की कमी की चर्चाओं से बाहर से आने वाले इन स्थलों का रूख नहीं करना चाहते हैं और अपने घरों में क्वारंटीन होने की प्राथमिकता चाहते हैं।

रिकवरी रेट फास्ट दिखाना पडेगा भारी !
उत्तराखंड में माइल्ड कोरोना लक्षण पीडि़त होने के कारण हास्पीटल से घर जाने वाले पोजिटिव मरीजों का आंकड़ा पचास प्रतिशत के आसपास है। अल्मोड़ा में 84 प्रतिशत, टिहरी 75 प्रतिशत, उधम सिंह नगर 69 प्रतिशत, चमोली 68 प्रतिशत व नैनीताल में 66 प्रतिशत का रिकवरी रेट दर्ज हुआ है और प्रदेश में कल रात तक 755 कोरोना पीडि़त घरों में क्वारंटीन होने के लिए हास्पीटल से छोड़ दिये गए हैं।
ऐसे में होम क्वारंटीन के इन डिस्चार्ज मरीजों को घर पर हास्पीटल की सारी सावधानियां रखनी है और जरा सी लापरवाही पर यह संक्रमण अब घर से भी फैल सकता है। इन डिस्चार्ज मरीजों के लिए सरकार को सबसे ज्यादा सजग व्यवस्था बनानी है। अन्यथा विभिन्न जनपदों में कंटेनमेंट जोन की संख्या कल तक 60 से आगे बढ़नी शुरू हो जायेगी।
अभी देहरादून जनपद में 25, हरिद्वार जनपद में 24, टिहरी में 8, पौड़ी में 2 व उधम सिंह नगर में 1 कंटेनमेंट एरिया है। इन कंटेनमेंट में पूरी लाकडाउन की व्यवस्था बनानी होती है ताकि अगला संक्रमण का मामला रोका जा सके।
सरकारी क्वारंटीन केंद्रों में 5 जून को 33454 रोके गए थे। अगले दिन 6 जून को 8189 छूट गए। 7 जून को 2161 छूटने के बाद 23104 रह गए। 8 जून को फिर 3148 बढ़कर 26252 हो गए और कल की बुलेटिन में यह संख्या 3751 घटकर अब 22501 है। आज यह संख्या 23564 रही। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को क्वारंटीन केंद्रों में रखने के लिए लाकडाउन के 79 वें दिन बेहतर व्यवस्था जरूरी है।


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