हाई कोर्ट झटका : संडे पोस्ट के पत्रकार आकाश नागर के खिलाफ एफआईआर मामले पर रोक। सरकार व सांसद को नोटिस
संडे पोस्ट के रोमिंग एडिटर तथा वरिष्ठ पत्रकार आकाश नागर के खिलाफ दर्द f.i.r. को लेकर पत्रकार आकाश नागर की गिरफ्तारी और उत्पीड़न पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
आकाश नागर के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि यह एक रूटीन मैटर की न्यूज़ थी और इसमें प्रथम दृष्टया अपराध ऐसा कुछ भी नहीं था।
हाईकोर्ट ने गृह सचिव और नेहरू कॉलोनी थाने के एस एच ओ को नोटिस भेज कर 12 अक्टूबर तक जवाब मांगा है तथा सांसद अजय भट्ट को भी व्यक्तिगत रूप से नोटिस भेजा है, जिसका जवाब उन्हें भी 12 अक्टूबर तक देना है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों आकाश नागर ने संडे पोस्ट न्यूज़ पोर्टल पर एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें नैनीताल से लोकसभा सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के विषय में सूत्रों के हवाले से यह चर्चा थी कि त्रिवेंद्र सरकार से नाराज होकर दिल्ली जाने वाली विधायकों को अजय भट्ट की शह थी।
गौरतलब है कि संडे पोस्ट के पत्रकार आकाश नागर ने यह बात दिल्ली जाने वाले विधायकों द्वारा उनके बताने पर लिखी थी और इसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी उनके पास है।
किंतु हाईकमान के सामने खुद को इस प्रकरण से अलग-थलग दिखाने का दबाव हो या फिर उत्तराखंड सरकार से संबंध बिगड़ने का खतरा, कारण चाहे जो भी हो लेकिन अजय भट्ट ने आकाश नागर के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा दी थी।
जाहिर है कि इस तरह की खबर के पीछे यदि उनको विधायकों द्वारा कही गई बात न भी होती तब भी यह एक राजनीतिक मानहानि का विषय मात्र था।
जिसमें कोर्ट से एक मानहानि का नोटिस भिजवाया जा सकता था, किंतु सीधे पुलिस में मुकदमा दर्ज किए जाने से पत्रकार जगत में भी काफी आक्रोश है।
त्रिवेंद्र सरकार में पत्रकारों पर लगातार मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। यह त्रिवेंद्र सरकार के लिए कोई खुश होने वाली बात नहीं है। इस तरह के मुकदमे दर्ज करना एक डरी हुई सरकार के लक्षण होते हैं।
बहरहाल हाई कोर्ट द्वारा आकाश नगर के उत्पीड़न और गिरफ्तारी पर रोक के आदेश के साथ-साथ गृह सचिव और पुलिस को सहित सांसद से भी जवाब मांगे जाने के कारण यह एफ आई आर एक तरह से सांसद और सरकार को उल्टी पड़ गई है।