एक्सक्लूसिव: हाईकोर्ट को मिले एक स्थाई न्यायाधीश

कमल जगाती, नैनीताल

26 जनवरी 2020 को भारत सरकार की अपर सचिव सुषमा टाइसहिती के हस्ताक्षरों से जारी नियुक्ति पत्र में कहा गया है कि, भारत के संविधान में आर्टिकल 222 में क्लॉज़(1)की शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रवि विजयकुमार मलिमथ का ट्रांसफर उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय कर दिया है। पत्र में कहा गया है कि न्यायधीश रवि विजयकुमार मलिमथ अपने नए कार्यालय में शीघ्र जॉइन करें।


इससे पहले 12 फरवरी 2020 को सर्वोच्च न्यायालय की कॉलिजियम ने दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक के न्यायाधीशों को हरयाणा, मेघालय और उत्तराखंड में तबादले के लिए प्रस्ताव दिया था। कॉलिजियम ने कर्नाटक के न्यायधीश रवि विजयकुमार मलिमथ को उत्तराखंड, दिल्ली के न्यायधीश डा.एस.मुरलीधर को हरयाणा और महाराष्ट्र उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रंजीत वी.मोरे को मेघालय भेजने का प्रस्ताव दिया था ।
न्यायधीश रवि विजयकुमार मलिमथ का जन्म 25 मई 1962 को हुआ था।

उन्होंने वकालत की पढ़ाई करने के बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय में वर्ष 1987 से वकालत शुरू की । उनकी नियुक्ति कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में 28 फरवरी 2008 और स्थायी न्यायाधीश के रूप में 17 फरवरी 2010 में हुई थी। अब न्यायाधीश रवि जल्द उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में नई जिम्मेदारी संभालेंगे ।

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