उत्तराखंड कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कारखाना अधिनियम तथा औद्योगिक विवाद अधिनियम में भी संशोधन किया गया है। शराब में बिक्री के लिए नीति में आंशिक संशोधन किया गया है। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अन्य पिछड़ी जाति और जनजाति के छात्रों के लिए फीस निर्धारण के लिए कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। सरकारी यूनिवर्सिटी के लिए अंब्रेला एक्ट बनाए जाने को मंजूरी मिल गई है। उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय का नाम वीर माधो सिंह भंडारी के नाम पर रखने का फैसला लिया गया है।
सलाहकार के पद को पेयजल निगम के एमडी के समकक्ष बनाया गया है। हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में एक नए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने को मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड पेशेवर की फैलोशिप स्कीम में युवाओं का मानदेय 15000 से बढ़ाकर ₹35000 किया गया है।
रुकी हूई 148 शराब की दुकानों का आवंटन किए जाने पर भी फैसला लिया गया है। यह दुकान इस सत्र में आवंटित नहीं की गई थी। केदारनाथ में ट्रस्ट के द्वारा बताये कार्यों को पीडब्ल्यूडी के तहत कराया जाएगा। आंगनबाड़ी के लिए फ्लेवर्ड मिल्क को आंचल से बढ़े हुए दामों पर खरीदा जाएगा।
उत्तराखंड निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली 2011 में संशोधन कर दिया गया है।
श्रीनगर में रेशम विभाग की 8 एकड़ जमीन को एनआईटी को देने पर फैसला किया गया है। राजस्व निरीक्षक के पदों को 160 से बढ़ाकर 211 करने का निर्णय लिया गया है। आयुष विभाग में चिकित्सकों की भर्ती भर्ती बोर्ड द्वारा किए जाने का फैसला लिया गया है। 9 लोगों के लिए पेट्रोल पंप खोलने के लिए नियमों में शिथिलता दी गई है।