CBI ने आईटीबीपी सीमाद्वार (देहरादून) में तैनात तत्कालीन कमांडेंट, दो दरोगा और तीन बड़े व्यापारियों के खिलाफ लाखों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
आरोपियों ने जवानों को मिलने वाले रसद, मीट, मछली, अंडा, दूध और फल की आपूर्ति में करीब 70 लाख का घोटाला किया है। गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इधर, इससे पहले भी आरोपी कमांडेंट, दरोगा समेत अन्य के खिलाफ चमोली स्थित अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर में केरोसिन ऑयल की आपूर्ति में बड़ा घोटाला करने पर दर्ज मुकदमे में सीबीआई चार्जशीट दे चुकी हैं। आरोपी कमांडेंट वर्तमान में बिहार में तैनात बताया जा रहा है।
इस पूरे मामले में अशोक कुमार गुप्ता कमांडेंट, सुधीर कुमार एसआई, अनुसूया प्रसाद एएसआई, नरेंद्र आहूजा, आहूजा ट्रेडर्स 141 राजपुर रोड, विनय कुमार हरिद्वार रोड, नवीन कुमार कौलागढ़ रोड देहरादून तथा अज्ञात पब्लिक सर्वेट और प्राइवेट पर्सन के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
गृह मंत्रालय के अधीन आईटीबीपी जैसी महत्वपूर्ण सुरक्षा एजेंसी में तैनात कमांडेंट अशोक कुमार गुप्ता ने देहरादून में तैनाती के दौरान लाखों का घोटाला कर डाला।
आरोपी यहां आईटीबीपी 23वीं बटालियन में कमांडेंट के पद पर रहा और 2017 से 2019 के बीच जवानों के लिए आपूर्ति की जाने वाली रसद, मीट, मछली, अंडा, पनीर, फल आदि में बड़ा घोटाला कर बेईमानी से अपने दो दरोगा, रसद आपूर्ति करने वाले तीन व्यापारियों के साथ मिलीभगत कर करीब 70 लाख, 56 हजार, 787 रुपये की धनराशि हड़पी है।
इस मामले में हुई आंतरिक जांच में बड़ा खुलासा होने पर आईजी नॉर्थरन फ्रंटियर सीमाद्वार देहरादून ने गृह मंत्रालय से मुकदमे की अनुमति मांगी। गृह मंत्रालय ने इस मामले में मुकदमे की अनुमति दी गई। इसके बाद वर्तमान कमांडेंट पीयूष पुष्कर ने सीबीआई को तहरीर दी।
सीबीआई देहरादून शाखा के एसपी सतीश कुमार राठी ने मुकदमा दर्ज करते हुए पूरे मामले की विस्तृत जांच इंस्पेक्टर शरदचंद गुसाईं को सौंपी है।
कमांडेंट के खिलाफ भ्रष्टाचार का दूसरा मुकदमा दर्ज होने से उनके कार्यकाल में तैनात अन्य अफसरों, जवानों एवं वाहिनी को आपूर्ति करने वाले व्यापारियों में हड़कंप मचा है।