देहरादून की एक महिला पार्षद अजीता पवार को उसके पति ने घर में कैद कर दिया तथा उनके साथ काफी अभद्रता की। पार्षद को जब कोई दूसरा उपाय नहीं मिला तो उन्होंने अपने मोबाइल से ही फेसबुक के माध्यम से जनता के सामने अपनी समस्या बताई तो लोग दंग रह गए। अजीता कुमार वार्ड नंबर 9 9 की पार्षद है।
महिला ने अपने पति के द्वारा सताई हुई अन्य महिलाओं को भी साथ में आने के लिए अपील की और कहा कि उनके पति राहुल पवार का कहना है कि वह पॉलिटिक्स में आने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और आज 10 साल बाद टॉर्चर होने के बाद उन्हें इस तरह से फेसबुक पर अपनी समस्याएं लिखनी पड़ रही हैं।
जब महिला पार्षद ने अपने पति के खिलाफ जंग छेड़ दी तो फिर अन्य महिलाएं भी उनके साथ आ जुटी और उन्हें भी अपनी समस्याएं बताने लगी।
महिला पार्षद ने कहा कि उनके पति ने उनकी तीन-चार मोहरे फर्जी ढंग से बना रखी हैं और वह उनके फर्जी साइन भी करते हैं।
इसके साथ ही महिला पार्षद ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पति पूर्व प्रधान है तथा उनके माता-पिता से भी उनको तथा उसके बच्चों को जान का खतरा है।
महिला पार्षद ने कहा कि जिन किसी के पास भी उनकी स्टांप हो वह उसे तुरंत वापस कर दें।
पार्षद की अपील के बाद घरेलू हिंसा की कई सारी महिलाओं ने भी अपनी समस्याएं पार्षद को बताई।
महिला पार्षद ने कहा कि वह आज परेशान हो करके यह सब बोल रही है और घरेलू हिंसा के कारण वह जरा भी सुरक्षित नहीं है।
आनन-फानन में कुछ जानने वाले लोग महिला के घर में आए और उन्हें आजाद कराया तथा 8 मई तक कोई भी झगड़ा हल करने का आश्वासन बाकायदा स्टांप पेपर पर लिख कर दिया, तब जाकर महिला पार्षद शांत हुई। महिला पार्षद के पति से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
आखिर एक चुनी हुई महिला पार्षद के साथ कोई ऐसा कैसे कर सकता है ! जब हमारे चुने हुए जनप्रतिनिधि ही घरेलू हिंसा के इस तरह से शिकार हैं तो भला आम औरतों की क्या सुनवाई होती होगी !!