विशाल सक्सेना
काशीपुर
मंगलवार को शहर के प्रतिष्ठित तीन सराफा व्यवसाइयों को मोबाइल पर विदेश से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर रंगदारी की धमकी मिली है। जिसके बाद पुलिस प्रशासन के साथ ही व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है। तीन प्रतिष्ठित सराफा व्यापारियों से सेटेलाइट फोन कॉल के जरिये 1.30 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई है।
अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बरार के नाम से मांगी गई रंगदारी की रकम शाम तक बैंक खातों में जमा न कराने पर जान से मारने की धमकी दी गई है। धमकी से व्यापारियों में दहशत है।
तीनों व्यापारियों ने व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ एसपी ऑफिस पहुंचकर मामले की जानकारी देते हुए तहरीर दी।
पुलिस ने तत्काल नंबर की जांच कराकर मामले की जांच शुरू कर दी है। तीनों परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दे दिया गया है। पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक वर्मा के भाई पुरुषोत्तम वर्मा की मुख्य बाजार में श्री गुरु ज्वैलर्स नाम से दुकान है। मंगलवार शाम 4:40 बजे पुरुषोत्तम वर्मा को सेटेलाइट फोन से कॉल आई। कॉलर ने खुद को गोल्डी बरार गिरोह से जुड़ा हुआ बताते हुए 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। उसने रुपये की डिमांड करते हुए कहा कि वह शाम तक खाते का नंबर भेज रहा है। खाते में रकम डाल दो अन्यथा इसका बुरा अंजाम भुगतना होगा।
शाम 4:52 बजे मुख्य बाजार के आनंद ज्वैलर्स के स्वामी विवेक वर्मा को भी सेटेलाइट फोन से कॉल आई। इस बार कॉलर ने कहा कि ‘30 लाख रुपये का इंतजाम कर शाम तक।’ यह पूछने पर कि कौन बोल रहे हो, कॉलर ने जवाब दिया कि ‘लॉरेंस विश्नोई बोल रहा हूं पंजाब जेल से। तेरे काशीपुर में गोली चली है, समझ ले। जान प्यारी है तो 30 लाख का इंतजाम कर शाम तक नहीं तो गोली चलेगी तेरी दुकान पर।’
सराफ के यह कहने पर कि मैं रुद्रपुर से बोल रहा हूं, कपड़े की दुकान पर काम करता हूं। इस पर कॉलर ने अभद्रता करते हुए कहा कि ‘झूठ बोल रहा है। मैं सब जानता हूं।’
इसके बाद शाम 5:07 बजे इसी नंबर से मेन बाजार निवासी अशोक ज्वैलर्स के स्वामी गौरव अग्रवाल को भी सेटेलाइट फोन से कॉल आई। कॉलर ने उनसे 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। कॉलर ने बताया कि वह पंजाब की मोगा जेल से बोल रहा है। आधे घंटे के भीतर तीन प्रतिष्ठित सराफा व्यापारियों को रंगदारी के लिए धमकी मिलने से क्षेत्र में खलबली मच गई।
एसपी ने बताया कि इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। केस के खुलासे के लिए कई एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा। खबर लिखे जाने तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई थी।