पेयजल निगम की 2005 की एई और जेई की भर्ती परीक्षा बड़ी धांधली की खबरे सामने आ रही हैं। उत्तराखंड में इस साल लगातार बढ़ती घोटालों के मामले सामने आ रहे हैं UKSSSC बड़े भर्ती घोटाले के बाद कई और बढ़ते हुए घोटाले भी निकल कर सामने आए हैं।
पेयजल निगम ने नियमों को ताक पर रख न सिर्फ राज्य से बाहरी युवाओं का बड़ी संख्या में चयन किया, बल्कि आरक्षण मानकों का भी बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया है।
पेयजल निगम की भर्ती प्रक्रिया में एक ही इंजीनियरिंग कालेज के कई छात्रों का बड़े पैमाने पर चयन किया गया। जो छात्र 2005 की इस परीक्षा में चयनित हुए, वहीं 2007 की परीक्षा में नतीजा बिल्कुल उल्टा रहा। 2005 में जो लोग चयनित होकर एई बने, वे दोबारा 2007 की परीक्षा में फिर बैठे और फेल हो गए।
पेयजल निगम ने 2005 में एई के 70 और जेई के 241 पदों पर पंजाब यूनिवर्सिटी से परीक्षा कराई। पंजाब यूनिवर्सिटी ने परीक्षा कराने के बाद रिजल्ट जारी कर मेरिट लिस्ट मैनेजमेंट को सौंप दी।
इंटरव्यू में कागजों की पड़ताल के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली हुई। जिसके चलते यूपी, बिहार, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों के अनुसूचित जाति और महिलाओं को राज्य के आरक्षण कोटे का लाभ देकर नियम विरुद्ध नियुक्त कर लिया गया।