उत्तराखंड विधानसभा में विनियोग विधेयक पास कराने के साथ ही विधानसभा के बजट सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
विपक्ष का आरोप है कि, सरकार ने संख्या बल के आधार पर संसदीय परंपराओं की अनदेखी की है और विपक्ष की आवाज को दबा कर सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है।
विपक्ष का कहना है कि, उत्तराखंड के इतिहास में यह पहला मौका है जब राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता सदन का धन्यवाद उद्बोधन नहीं हुआ और उसके बाद बिना चर्चा के ही विनियोग विधेयक को पास कर लिया गया और ना ही विनियोग विधेयक पर नेता सदन ने विधानसभा में कोई बयान दिया।
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने कहा कि, विपक्ष का जो आरोप है वह सही नहीं है, जो लोग सदन में थे उनको पूरा-पूरा मौका दिया गया।
पिछले चार दिन से उनकी सभी सूचनाओं को सुना गया और सब पर विस्तार से चर्चा का मौका दिया गया। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि, विपक्ष जो आरोप लगा रहा है वह पूरी तरह से निराधार है।
संसदीय परंपराओं के तहत ही सारे कार्य किए गए और विपक्ष ही नहीं चाहता कि सदन शांतिपूर्ण तरीके से चले।