कृष्णा बिष्ट
31 मार्च तक उत्तराखंड में लॉकडाउन रहेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं रहेगी तथा उन पर कोई प्रतिबंध नहीं रह जाएगा।
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दैनिक उपभोग की वस्तुएं जैसे कि खाद्यान्न दवाई पेट्रोल-डीजल फल सब्जियों की दुकानें अस्पताल अनिवार्य रूप से खुले रहेंगे।
किसी भी प्रकार की सार्वजनिक यातायात की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाएगी। केवल अस्पताल आने-जाने के लिए यातायात का साधन उपयोग में लिया जा सकेगा।
सभी दुकानें वाणिज्यिक प्रतिष्ठान कार्यालय फैक्ट्री वर्कशॉप गोदाम इत्यादि कार्यशील नहीं रहेंगे।
लॉक डाउन की अवधि में अंतरराज्य सीमाएं पूर्णतः बंद रहेंगी।
आवश्यक सामग्री एवं सेवाओं से संबंधित वाहनों को ही प्रदेश में प्रवेश की अनुमति रहेगी। नॉक डाउन की अवधि में ऐसे सभी यात्री जो विदेश अथवा अन्य प्रांतों से उत्तराखंड में आए हैं, वह अपने घर पर ही क्वॉरेंटाइन की स्थिति में रहेंगे। जिसके लिए स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारियों को निगरानी के लिए निर्देश दिए गए हैं।
लॉक डाउन के दौरान कानून व्यवस्था से संबंधित प्रतिष्ठान पुलिस चिकित्सा, स्वास्थ्य, अर्बन, स्थानीय निकाय फायर सर्विस बिजली-पानी बैंक/ एटीएम, पोस्टल, टेलीकॉम, पेट्रोल पंप, एलपीजी, डेरी, दवाइयां आदि सेवाएं प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि लॉक डाउन के दौरान यदि कोई भी व्यक्ति इस का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी लॉक डाउन के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।
कोरोना के प्रभावी नियंत्रण के कार्यों से संबंधित निजी इकाइयों और संस्थानों को इस दौरान कार्य करने की अनुमति रहेगी।
अन्य आवश्यक सेवाओं के बारे में जिला अधिकारी अपने स्तर पर निर्णय ले सकते हैं। लाॅकडाउन को प्रभावी बनाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट पुलिस अधीक्षक एडीएम एसडीएम तहसीलदार और शहरी निकायों के अधिशासी अधिकारियों को अधिकृत किया गया है।
इस अवधि में चिकित्सा सेवाओं के लिए देहरादून के दून चिकित्सालय में फ्लू और कोलिज 19(कोरोना) की ओपीडी संचालित रहेगी जिसमें सेकेंडरी तीसरी श्रेणी की सुविधाएं रहेगी। कोरोनेशन चिकित्सालय में जनरल ओपीडी और आकस्मिक सेवाएं तथा गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि लॉक डाउन के दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर आम जनमानस में भय का वातावरण कतई न बनने दिया जाए।
लोगों को मालूम होना चाहिए कि वैश्विक अनुभवों के आधार पर इस प्रकार की आपात स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सामाजिक दूरी का सिद्धांत सबसे अधिक प्रभावी उपाय है। जिसमे लॉक डाउन एकमात्र विकल्प है। यह बताना भी आवश्यक है कि सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम जन स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक हैं। और संक्रमण पर काबू पाने के लिए सभी नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दौरान आम जन अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करके कोरोना संक्रमण को दूर करने में अहम भूमिका निभा सकता है।