विकासनगर:-
किसानो को लेकर आज पूरी दुनिया में एक जंग छिड़ी हुयी है, किसान और सरकार आज आमने सामने है, किसान और सरकार आपस में एक दूसरे के खिलाफ हो गए है| सरकार हर तरह से किसानों को लुभाने में लगी हुयी है, किसान को कैसे राहत पहुंचाया जाये,सरकार हर तरह के जतन कर रही है| लेकिन किसान सरकार की मानने ओर सुनने को तैयार ही नहीं विकासनगर विधानसभा में भी किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने करोड़ो क़ा बजट पास किया है, किसानों की सालो पुरानी मांग को सरकार ने पूरा करने क़ा काम किया है,और एक भारी बजट किसानों और खेती की तस्वीर बदलने के लिऐ दिया है, लेकिन सरकार और किसानों के बीच तकरार कम ना हो यह कार्य किया है| ठेकेदारों ओर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने सरकार की बहुउद्देशीय योजना घोटाले ओर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है| पर्वतजन की पड़ताल के बाद जब यह मामला सिंचाई विभाग के अधिकारियों ओर सरकार के प्रवक्ता व विकास नगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान तक पहुंचा तो विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, ओर अधिकारी अब दौड़ लगाते नजर आ रहें हैं, ओर कार्यवाही करने की बात कर रहें हैं| देखिए पर्वतजन की यह खास रिपोर्ट:
विकास नगर विधानसभा अंतर्गत दर्जनों गांवो के किसानों को राहत पहुंचाने के लिऐ हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने सिंचाई विभाग के माध्यम से लगभग अट्ठाइस किलोमीटर लंबी सिंचाई गुल क़ा निर्माण कार्य शुरू किया है| जिसकी लागत लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए है, इस गुल के निर्माण से हजारों किसान लाभान्वित होते ओर किसानों की लंबे समय से चली आ रही परेशानी क़ा अन्त हो जाता लेकिन किसानों को तो शायद इस गुल से कोई फायदा होता नजर नही आ रहा है, क्योंकि यह गुल भ्रष्टाचार ओर घोटाले की भेंट चढ़ चुकी है|
गुल के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री क़ा इस्तेमाल किया जा रहा है, अव्वल ईंट की जगह पील्ली ईंट क़ा इस्तेमाल किया जा रहा है| साथ ही अन्य निर्माण सामग्री में भी धांधली बरती जा रही है, ईंटे हल्की से टकराने पर टूट रही है ,गुल में लगाया गया मैटीरियल खुरचने से ही टूट रहा है|
ऐसे में जब इस गुल में सिंचाई के लिऐ पानी छोड़ा जाएगा तब हालात क्या होंगे? आप बखूबी अंदाजा लगा सकते हो, और यह सिंचाई गुल किसानों के लिऐ कितनी लाभकारी साबित होगी यह आप तस्वीरों में देख कर ही अंदाजा लगा सकते हो हांलाकि जब इस गुल क़ा निर्माण शुरू हुआ, तो क्षेत्र के किसानों की खुशी क़ा ठिकाना नहीं था| किसानों ने सरकार क़ा आभार भी जताया था, लेकिन आज क्षेत्र के किसान ख़ुद को ठगा महसूस कर रहें है|
किसान विक्की कश्यप राशिद राही व पूर्व ग्राम प्रधान जमनीपुर प्रदीप कुमार ने क़हा कि गुल निर्माण में संबंधित विभाग व ठेकेदार सरकार की स्वच्छ छवि को बदनाम करने क़ा कार्य कर रहें है, ओर किसानों के हितों पर डाका डाल रहें है| किसानों को कई वर्ष के बाद सिंचाई गुल नसीब हुयी है, वह भी विभागीय सांठगांठ के चलते भ्रष्टाचार ओर घोटाले की भेंट चढ़ गयी है| किसानों ने चेतावनी दी है, कि अगर संबंधित विभाग व ठेकेदार के विरुद्ध कठोर कार्यवाही नही की गई तो किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे साथ ही उन्होंने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की मांग भी की है, कहा कि पूर्व में इस ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्यो में धांधली व भ्रष्टाचार किया है| इस ठेकेदार द्वारा पूर्व में किये गए कार्यो की भी जांच की मांग की जाये|
तो वही किसानों को राहत पहुंचाने के लिए बनाई जा रही गुल में भ्रष्टाचार व घोटाले की शिकायत पर जब सिंचाई विभाग के जे ई सी एस चौहान मौके पर पहुंचे तो उन्होंने जांच में पाया कि भ्रष्टाचार ओर घोटाला हुआ हैं| और निर्माण में भारी अनियमितता है, ओर अव्वल ईंट की जगह पील्ली ईंट क़ा इस्तेमाल किया गया है, जो कि सिंचाई विभाग के दिशा निर्देश के विरुध्द विरुद्ध है|
ऐसे में जब सिंचाई विभाग के अधिकारी से घोटाला ओर भ्रष्टाचार करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने के बाबत पूछा गया तो गोलमोल जवाब देते हुए नजर आये| तो वही जब सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र कुमार बस्लियाल से किसानों को राहत पहुंचाने में किये जा रहें घोटाले के संबंध में बात की गई तो वह अब ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कर रहें है| लेकिन लंबे समय से यह भ्रष्टाचार ओर घोटाला सिंचाई विभाग में किया जा रहा था,आज तक विभाग ओर अधिकारी मौन क्यों थे? यह एक बड़ा सवाल है |
तो वही विकास नगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान से जब किसानों को खेतो तक सिंचाई के लिऐ पानी पहुंचाने वाली सिंचाई गुल में भ्रष्टाचार व घोटाला होने के संबंध में पूछा गया तो उनका साफ कहना है, कि सरकार किसानों को राहत पहुंचाने के लिऐ हर संभव प्रयास कर रही है| केंद्र ओर राज्य सरकार किसानों की हितेषि है,अगर अधिकारियों व ठेकेदारों ने भ्रष्टाचार किया है, तो उनके खिलाफ उचित कार्यवाही अमल में लाई जायेगी ओर भ्रष्टाचार व घोटाला करने वाले अधिकारियों और ठेकेदार को बख्शा नहीं जायेगा|
लेकिन सवाल यहां भी वही खड़ा होता है कि आखिर क़िस की शह पर संबंधित विभाग व ठेकेदार इस खेल को अंजाम दे रहें हैं ?
अब देखना यह होगा कि, किसानों को राहत पहुंचाने वाली व खेतो को पानी पहुंचाने वाली यह करोड़ो रुपए की योजना जीरो टॉलरेंस के तहत पूरी होगी य़ा ऐसे ही यह भ्रष्टाचार क़ा मामला भी अन्य मामलो की तरह दबा दिया जायेगा, क्योंकि किसान आज खेती में पानी की व्यवस्था ना होने के चलते तबाह ओर बर्बाद हो रहा है, सरकार राहत देती है तो विभाग ओर ठेकेदार उनकी उम्मीद को तोड देते हैं|