अल्मोड़ा शहर में खुली नालियों में बह रहे सीवर के खिलाफ़ अगली सुनवाई 16 सितंबर को
रिपोर्ट- कमल जगाती
नैनीताल। उत्तराखंड के अल्मोड़ा शहर स्थित मुहल्लों में खुली नालियों में बह रहे सीवर के खिलाफ़ जनहित याचिका में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के सचिव शहरी विकास जिलाधिकारी अल्मोड़ा, उपजिलाधिकारी अल्मोड़ा, नगर पालिका अल्मोड़ा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण से जवाब मांग लिया है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ के समक्ष मामले में बहस हुई। अल्मोड़ा निवासी अधिवक्ता शेखर लखचौरा द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा कि, अल्मोड़ा शहर के कई मोहल्लों में सीवर को खुली नाली में छोड़ दिया जा रहा है।
जिससे आस पास में रहने वालों व रास्तों से गुजरने वालो को गंदगी से बीमारी का खतरा पैदा हो रहा है। इस संबंध में याचिकर्ता द्वारा पूर्व में जिलाधिकारी अल्मोड़ा,नगरपालिका अल्मोड़ा , जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि को समस्या के निराकरण हेतु दिनांक 4 अक्टूबर 2018 व 10 जून 2019 को प्रत्यावेदन दिए लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नही हुई। जिला प्रशासन ,नगर पालिका व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के उदाशीनता के कारण अन्ततः याचिकर्ता के द्वारा हाई कोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दाखिल की गई है।
जिसमे मांग की गई है कि, नालियों में गंदे पानी व सीवर को खुले में बहने से रोकने हेतु उचित उपाय करने प्रतिवादियों को निर्देशित किया जाय तथा उच्च स्तरीयजांच कमेटी गठित कर दोषी भवन स्वामियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाय। मामलेे में अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी।