नर्सिंग महासंघ ने विधायक बिशन सिंह चुफाल से की मुलाकात। वर्षवार भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की उठाई मांग

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और बेरोजगार नर्सिंग युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में उत्तराखंड नर्सिंग महासंघ लगातार सक्रिय है। इसी क्रम में महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता बिशन सिंह चुफाल से मुलाकात कर नर्सिंग अधिकारियों की वर्षवार भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र शुरू करने की मांग उठाई।

इस दौरान महासंघ ने एक ज्ञापन सौंपते हुए राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करने और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

 नर्सिंग महासंघ की प्रमुख मांगें

1️⃣ वर्षवार भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए — प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी को दूर करने के लिए नियमित वर्षवार भर्ती की जाए, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चल सकें।

2️⃣ स्थानीय युवाओं को वरीयता दी जाए — भर्ती प्रक्रिया में उत्तराखंड के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि राज्य के प्रशिक्षित नर्सिंग युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।

3️⃣ पारदर्शी चयन प्रक्रिया लागू हो — चयन प्रणाली को सीनियरिटी और योग्यता के आधार पर पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न किया जाए, जिससे योग्य अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके।

विधायक बिशन सिंह चुफाल ने दिया आश्वासन

विधायक बिशन सिंह चुफाल ने महासंघ की मांगों को गंभीरता से सुनते हुए कहा,

“राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना और स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत बनाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। मैं इस मुद्दे को शीघ्र ही स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष प्रमुखता से उठाऊंगा।”

उन्होंने नर्सिंग महासंघ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने में नर्सिंग कर्मियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रतिनिधिमंडल में रहे शामिल

इस मौके पर उत्तराखंड नर्सिंग महासंघ की ओर से प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र कुकरेती, मीडिया प्रभारी प्रवेश रावत, सदस्य अनिल रमोला सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

महासंघ का उद्देश्य

महासंघ ने स्पष्ट किया कि उनका मुख्य उद्देश्य केवल रोजगार की मांग करना नहीं है, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और सुगम बनाना भी है। महासंघ का कहना है कि यदि भर्ती प्रक्रिया नियमित रूप से की जाए, तो न केवल बेरोजगार नर्सिंग अधिकारी लाभान्वित होंगे बल्कि आम नागरिकों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।

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