वन नेशन-वन राशन कार्ड। केंद्र सरकार की घोषणा उत्तराखंड में विफल। व्यवस्थाओं से वंचित जनता
रिपोर्ट- महेश पंत
केंद्र सरकार ने आम सरकारी राशन उपभोक्ताओं को पूरे देश में कहीं से भी राशन प्राप्त करने की सुविधा को लेकर “वन नेशन वन राशन कार्ड” की घोषणा जोर शोर से की है।ऐसे राशन कार्ड अभिलंब बनाए जाने के निर्देश भी राज्य सरकारों को दिए गए हैं। इस राशन कार्ड की विशेषता यह होगी कि उपभोक्ता देश में कहीं से भी सरकारी सस्ता गल्ला की दुकान से राशन ले सकता है।
केंद्र सरकार की घोषणा के अनुरूप उत्तराखंड में इसकी विधिवत तैयारिया नहीं हो पाई है। जिन लोगों के कहीं भी राशन कार्ड नहीं बने है, दिव्यांग बीपीएल व अंत्योदय श्रेणी में आने वाले परिवारों को नए राशन कार्ड बनाने के लिए उनके सर्वे आदि की क्या व्यवस्थाएं हैं? पूर्व में वर्षों से गलत तथ्यों के आधार पर बीपीएल और अंत्योदय राशन कार्ड का लाभ लेने वाले फर्जी उपभोक्ताओं के खिलाफ जांच व कार्रवाई कैसे की जाएगी?
जिला उधम सिंह नगर में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ने के कारण नए राशन कार्ड बनाए जाने की प्रक्रिया शिथिल है। राशन कार्ड बनवाने में भी वोट की राजनीति चमकाने का मामला सामने आया है। नगर व ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित क्षेत्र के विधायकों की संस्तुति पर पीले कार्डो को सफेद कार्ड में परिवर्तित किए जाने की अफवाह जोर शोर से चल रही है।
परिणाम स्वरूप आम उपभोक्ता विधायकों के कार्यालयों में जमावड़ा लगाए हुए हैं। विधायकों द्वारा संस्तुति किए जाने की चर्चाओं से भीड़ अनियंत्रित होने व कोविड-19 के संक्रमण बढ़ने के खतरे को भांप कर फिलहाल यह गतिविधियां रोक दी गई हैं। जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी श्याम लाल आर्य ने बताया कि, माननीय विधायकों द्वारा ऐसे आवेदनों को संस्तुत किए जाने का कोई भी प्रावधान शासन द्वारा निर्देशित नहीं है। यह अफवाह क्यों और कैसे प्रसारित हो रही है, इसका उन्हें संज्ञान नहीं है।
जिला उधमसिंह नगर में कई साधन संपन्न परिवारों द्वारा बीपीएल अथवा अंतोदय कार्ड का लाभ लेने की शिकायतें कई बार शासन व प्रशासन के समक्ष रखी गई, लेकिन उनका कभी कोई नीतिगत निर्णय नहीं हुआ और ऐसे फर्जी लोगों पर कोई कार्यवाही भी नहीं की गई? अब केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में एक ही राशन कार्ड बनाए जाने की घोषणा की गई है, लेकिन फर्जी रूप से बने हुए ऐसे बीपीएल व अंत्योदय कार्ड धारकों की धरपकड़ के लिए सरकार ने कोई गाइडलाइन सुनिश्चित नहीं की है।
ऑनलाइन आवेदन करने से ऐसे फर्जी कार्डों की प्रविष्टियां कंप्यूटर में करके, फर्जी उपभोक्ताओं द्वारा पुन: बीपीएल अथवा अंत्योदय राशन कार्ड हासिल कर लिए जाने की पूरी-पूरी संभावना है। इस फर्जीवाड़े पर किस तरह से अंकुश लगाया जाए तो श्री आर्य ने बताया कि, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर ने इस मामले में एक कमेटी गठित करने की बात कही है।
ज्ञात रहे असत्य जानकारी देकर फर्जी राशन कार्ड बनाने वालों पर अपराधिक मुकदमा भी कायम किया जा सकता है। जिलाधिकारी रंजना राजगुरु द्वारा गठित कमेटी अगर निष्पक्षता से जांच करती है तो बड़ी संख्या में ऐसे मामले पकड़ में आ सकते हैं। ऐसे फर्जी कार्डों के निरस्त हो जाने से वास्तविक पात्रों को उनका लाभ मिल पाएगा यह उम्मीद की जानी चाहिए?