उत्तराखंड सरकार ने कोरोनावायरस से फैल रही महामारी को को लेकर चौतरफा फजीहत होने के बाद अब पत्रकारों को ही खरीदने का सौदा कर दिया है।
इसके लिए सरकार ने सात खबरें लिखने पर “क” श्रेणी के पोर्टल को ₹18669 दिए जाने का ऐलान किया है तथा “ग” श्रेणी को पांच हजार दिए जाएंगे। उत्तराखंड सरकार के सूचना विभाग ने आज जारी एक कार्यालय आदेश में कोरोना वायरस से संबंधित सरकारी पक्ष वाली खबरें लिखने का आदेश दिया है।
यह है पेड न्यूज का आदेश
उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के सहायक निदेशक रवि बिजारनिया ने सूचना विभाग में ‘क’ श्रेणी में सूचीबद्ध वेबसाइट न्यूज़ पोर्टल को कोरोनावायरस से संबंधित समाचार लिखने पर यह धनराशि देना स्वीकार किया है और अपने आदेश में कहा है कि इस कार्यालय आदेश को ही विज्ञापन आदेश समझ लिया जाए।
इसमें शर्त यह रखी है कि प्रतिदिन कोरोना से संबंधित जनजागरण, और सरकारी दिशानिर्देशों के आलेख और समाचार प्रकाशित करने पर ही यह धनराशि मिलेगी।
आदेश में स्पष्ट लिखा है कि उपरोक्त विषय पर कम से कम सात समाचार लिखने होंगे और बिल के साथ उपरोक्त समाचारों का स्क्रीनशॉट भी संलग्न करना होगा अन्यथा भुगतान नहीं किया जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत कहते हैं कि ,”यह पेड़ न्यूज की श्रेणी में आता है और यह कानूनन गलत है। प्रेस काउंसिल भी इसे अवैध मानता है।”
जय सिंह रावत कहते हैं कि “आज महामारी के इस दौर में मीडिया को जन जागरण से संबंधित खबरें लिखनी चाहिए लेकिन यदि सूचना विभाग इस तरह का विज्ञापन देता है तो उसे उसे खबर की सामग्री खुद ही उपलब्ध करानी चाहिए। एक तरफ सरकार प्रचार प्रसार पर करोड़ों रुपए बहा रही है तो न्यूज़ पोर्टल को भी जरूर विज्ञापन मिलने चाहिए लेकिन पेड न्यूज़ के रूप में नहीं। यह अनैतिक है।
बहरहाल यह समाचार 26 मार्च से 1 अप्रैल 2020 तक चलाने होंगे। जाहिर है कि आज 26 तारीख है।
गोदी मीडिया के दौर में अब सरकार न्यूज़ पोर्टल को भी दलाली के धंधे में उतारने के लिए दलदल में उतर गई हैं।
जाहिर है कि पत्रकार समाज का आईना होते हैं और वह सही को सही और गलत को गलत लिखते हैं किंतु इस तरीके से पेड न्यूज़ का प्रलोभन देकर सरकार पत्रकारों को खरीदना चाहती हैं।