पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी ने पिटकुल के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में ईशान इंटरप्राइजेज व इसके सहयोगी कम्पनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है l
पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता सूर्य प्रकाश आर्य क्रय एवं अनुबंध – प्रथम द्वारा पुलिस को तहरीर दी गयी कि निगम द्वारा Upgradation of Control and Protection System Replacement of Different Substations Equipments (Phase-1) under Package- A Supply Erection and Commissioning of various equipments like control and relay Fanels. HIFPS, GPS clock etc. at various substations of Kumaon Garhwal Zone against Tender Specification No. PTCULE-Tender CPISS-07/2016-17) ठेके के लिए निविदा आमंत्रित की गयी थी lनिविदा प्रपत्र मे पूर्ण रूप से स्पष्ट किया गया था कि बिड पुल नहीं किया जा सकेगा l
ठेकेदारों द्वारा भी इस सम्बन्ध मे घोषणा पत्र वचन पत्र) (सलंगक -2) दिया गया था
“यदि उसके द्वारा कोई भी कथन टेंडर में असत्य कहा गया है और निविदा दिनांक 18-05-2016 के साथ वचन पत्र का उल्लंघन किया गया तो उनके विरुद्ध दन्डवाद योजित किया जा सकता है।”
वचन पत्र के विरुद्ध अवधेश कुमार मार्फत मै०ईशान एन्टरप्राइजेज -7 A एजेन्सी बोस रोड, कोलकाता – 700017 बेस्ट बंगाल राजेन्द्र मिनी स्वामी ईशान एन्टरप्राईजेज 19 कुचिन सरकारले हावडा- 711101 रवि शंकर पाण्डेय मर्फत सी0 टी0आर0 मैन्युफक्चरित कम्पनी इन्डस्ट्रीज लिमिटेड नागर रोड पुणे – 411014 एवं गिरीश चैतन्य आर प्रबन्ध निदेशक में वैन्सन इलेक्ट्रीक प्राईवेट लिमिटेड, न0-331, 9 सपेरा गिनिया इण्डस्ट्रीयल एरिया, बैंगलोर-560058 सुमार बा भट्ट मार्फत एच०सी० इन्फ्रा प्रोजेक्टस, सिगमा बन कारपोरेट कारपोरेट हाउस २०-६ सिन्धु भवन रोड वोडरुदेव अहमदाबाद- 380059 नरेन्द्र एक कोडे सीगनेट प्रोडक्टस प्राईवेट नि० पी०टी० गेरा सेन्टर ऑफिस न-301, तीसरा ला घुले पाटिल रोड, बन्द गार्डन, पूर्व महाराष्ट्र – 411001 ने परस्पर सांठ गाँठ करके ई- निविदा प्रस्तुत की तथा विभाग को प्रारंभ से धोखा देने के लिए यह प्रकट किया था कि यह तीनो कम्पनिया अलग-अलग है तथा तीनों ने ट्राफ्ट और निविदा प्रस्तुत की है।
लेकिन जब पिछले साल इसकी जांच की गई तब पता चला कि तीनों ने परस्पर मिलकर टेंडर पूल किया है। विड जमा करते समय ई-निविदा खोलते समय तीनो ने यह नहीं बताया कि उन्होंने पूल करके उपक्रम के साथ छल किया।
निगम प्रबंधन ने उपरोक्त व्यक्तियों और उनकी सम्बंधित कंपनियों के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420, सपठित धारा 120बी धाराओं में मुकदमा कर दिया गया ।