मुकदमों से दुबकी कांग्रेस। कुनबा बढ़ाने में जुटी “कोरोना प्रूफ भाजपा”
उत्तराखंड में कांग्रेस की अधिकांश दिग्गजों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने के बाद एक ओर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का उत्साह ठंडा पड़ गया है,वहीं भाजपा के नेता कोरोनाकाल मे भी दुगने उत्साह से अपना कुनबा बढ़ाने में लगे हुए हैं। पहले ही नेताओं और कार्यकर्ताओं की कमी से जूझ रही कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के नेतृत्व मे 30जून को महंगाई के खिलाफ बिना अनुमति के बैलगाड़ी यात्रा निकालने पर 39 कांग्रेसियों के खिलाफ देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया। इससे पहले 25 जून को मानव श्रृंखला कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह सहित 162 मुकदमा दर्ज किया गया।
इससे पहले उधम सिंह नगर किच्छा में भी राशन किट वितरण में धांधली को लेकर कांग्रेस ने तहसील पर विरोध जताया तो उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया। हिमांशु बिजलवान द्वारा क्वारंटाइन सेंटर में फल बंटवाने पर मुकदमा तथा तिलकराज बेहड़ के खिलाफ हुए मुकदमे अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता लगातार सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। लेकिन इन कार्यक्रमों से यह संदेश भी जाता है कि सत्ता की ताकत के बल पर ही भाजपा कोरोना प्रूफ है।
आज ही रुडकी के मेयर गौरव गोयल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की उपस्थिति मे भाजपा ज्वाइन की है। उन्होंने 12 निर्दलीय पार्षदों के साथ घर वापसी की है। भाजपा से टिकट न मिलने पर वह निर्दलीय चुनाव लड़े थे। श्याम जाजू उनकी वापसी के सूत्रधार माने जा रहे हैं। 2 दिन पहले भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी तथा भाजपा टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष बनी मधु चौहान के एक कार्यक्रम में उनके अपने क्षेत्र में कुछ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा। इससे पहले भी 26 जून को मधु चौहान के नेतृत्व मे ही चकराता विधानसभा के 80 परिवारों ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा की सदस्यता ज्वाइन की थी।
इन दोनो कार्यक्रमों में मास्क न पहनने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी उल्लंघन किया गया, लेकिन भाजपा के ऐसे कार्यक्रमों पर कोई संज्ञान नहीं लिया जाता है।और यदि पुलिस भाजपा के द्वारा लॉकडाउन उल्लंघन अथवा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने का संज्ञान लेती है तो फिर उनका ट्रांसफर कर दिया जाता है। उधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के हालिया स्थानांतरण के पीछे यही कारण बताया जा रहा है कि उन्होंने रुद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल द्वारा अपने आवास पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के चलते उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया था साथ ही उधम सिंह नगर के ही एक अन्य विधायक राजेश शुक्ला के पुत्र के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था।
हालांकि कांग्रेसी पूर्व विधायक तिलकराज बेहड़ के खिलाफ भी उन्होंने मुकदमा दर्ज किया था लेकिन हाल ही में उनका ट्रांसफर कर दिया गया। दून अस्पताल में जाने पर कांग्रेस सूर्यकांत धस्माना को क्वारंटाइन किया जाना तथा भाजपा विधायक खजान दास को इससे छूट दिए जाने जैसे उदाहरण पुराने पड़ चुके हैं। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सतपाल महाराज से लेकर भाजपा महामंत्री अजय कुमार तथा मेयर सुनील उनियाल गामा द्वारा कई बार मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर भी कोई संज्ञान न लिए जाने पर भाजपा सरकार पर न सिर्फ कांग्रेसी बल्कि आम जनता भी सवाल उठा रही है।
पूरे राज्य में कांग्रेसियों के खिलाफ लगभग 50 के लगभग मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इससे कांग्रेसियों का उत्साह फीका पड़ता जा रहा है तथा कांग्रेस सवाल उठा रही है कि क्या भाजपा कोरोना प्रूफ है ! मास्क लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे पैमानों के उल्लंघन को लेकर कार्यवाही में दोहरा रवैया न सिर्फ कांग्रेस और भाजपा के लिए अपनाया जा रहा है, बल्कि जनता में भी आम और खास लोगों में भी इस तरह का भेदभाव किया जा रहा है। लोगों में इसको लेकर आक्रोश भी है।