देहरादून: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को पिरान कलियर से संबंधित मामलों में सूचना के अधिकार के तहत सूचनाएं उपलब्ध करानी ही होंगी। इस संबंध में उत्तराखंड सूचना आयोग ने अपने एक अंतरिम आदेश में वक्फ बोर्ड को सूचना उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए हैं।
पिरान कलियर के दानिश सिद्धिकी ने उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के लोक सूचना अधिकारी से पिरान कलियर दरगाह के संबंध में सूचना मांगी थी। उन्होंने दरगाह प्रबंधन द्वारा कराए गए ठेकों के संबंध में सूचना चाही थी। वक्फ बोर्ड के लोक सूचना अधिकारी ने यह कहते हुए सूचना देने से इनकार कर दिया कि दरगाह पिरान कलियर आरटीआई के तहत आच्छादित नहीं होती। उन्होंने सूचना आयोग के पूर्व के एक आदेश का हवाला भी दिया, जिसके तहत किसी भी वक्फ संपत्ति को लोक प्राधिकारी निकाय नहीं माना गया था। दानिश सिद्धिकी को अपीलीय अधिकारी से भी यही जानकारी मिली।
मामला जब सूचना आयोग पहुंचा तो सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि पिरान कलियर एक वक्फ संपत्ति है, जिसका संचालन उसके प्रबंधक द्वारा किया जाता है, लेकिन यह संपत्ति वक्फ बोर्ड के नियंत्रण में है। वक्फ बोर्ड के सीईओ को वक्फ संपत्ति से संबंधित अभिलेखों, रजिस्टरों दस्तावेजों के निरीक्षण का अधिकार है। ऐसे में वक्फ के लोक सूचना अधिकारी द्वारा पिरान कलियर से संबंधित सूचना न देने का कोई अधिकार नहीं है।
आयोग ने 2017 के पुराने आदेश की स्थिति भी स्पष्ट करते हुए कहा है कि आयोग ने पिरान कलियर को लोक प्राधिकारी नहीं माना है, लेकिन आयोग के आदेशों को गलत तरह से परिभाषित किया गया है। मामले में अगली सुनवाई से पूर्व अपीलार्थी को वांछित सूचना उपलब्ध कराने के अंतरिम आदेश दिए गए हैं।