अनुज नेगी
कोटद्वार। लॉक डाउन में सरकार के आदेशों की धज्जियां कैसे उड़ाई जा रही है, इसका उदाहरण कोटद्वार के भाबर क्षेत्र के जशोधरपुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक स्टील प्लांट में देखने को मिला।
स्टील प्लांट में श्रमिकों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने से श्रमिकों के आगे रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। श्रमिकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार फैक्ट्री प्रबंधन से वेतन देने की मांग कर चुके है, लेकिन अभी तक वेतन नहीं दिया गया है। जिस कारण उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है। वर्तमान में लॉक डाउन के कारण उनके पास खाने का सामान भी नहीं है। ऐसे में वह भूखे पेट ही सोने को मजबूर हैं। श्रमिकों ने प्रशासन से शीघ्र ही वेतन दिलाने की गुहार लगाई है।
बुधवार को एक स्टील प्लांट में फैक्ट्री मालिकों की मनमानी के चलते कार्यरत लगभग 70 श्रमिकों और कर्मचारियों को दो माह से वेतन न देने का मामला प्रकाश में आया है। वेतन न मिलने से श्रमिकों और कर्मचारियों के आगे रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।
स्टील फैक्ट्री में कार्यरत रमेश कुमार, मोनू कुमार, सतीश पटेल, गणेश बलूनी, राम, आशीष, अरूण कुमार, हरी प्रसाद, नीरज कुमार, अनिल पटेल, प्रीतम सिंह का कहना है कि फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से पिछले दो माह से वेतन और मजदूरी नहीं दी गई है। वह कई बार अपने वेतन के लिए फैक्ट्री प्रबंधन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
प्रबंधन यह कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं कि फैक्ट्री मालिक किसी का भी फोन नहीं उठा रहे हैं। बुधवार को सभी मजदूर कलालघाटी पुलिस चौकी पहुंचे और मदद की गुहार लगाई, जिस पर पुलिस ने लॉक डाऊन का हवाला देकर सभी श्रमिकों को चौकी से भगा दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लॉक डाऊन में भी वेतन देने के निर्देश दिए गए हैं, किंतु उनके फैक्ट्री प्रबंधन पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है। पिछले दो माह से वेतन न मिलने से उनके परिवारों में भी भुखमरी के हालात उत्पन्न होने लगे हैं। उन्होंने प्रशासन से फैक्ट्री प्रबंधन पर शीघ्र कार्रवाई कर समस्या के निस्तारण की मांग की है।