प्रचंड बहुमत का प्रचंड नुकसान: संविदा वाले निकाले जाएंगे! आउटसोर्सिंग के लिए होगी ई टेंडरिंग जल्द
उत्तराखंड सरकार ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 10 साल से संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को भी नियमित करने के बजाए अब आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनात करने का निर्णय लिया है। अन्य राज्यों की सरकारें जहां संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने की कार्यवाही कर रही है, वही उत्तराखंड सरकार वर्षों से संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को सेवा समाप्त करके उन्हें ठेकेदार के माध्यम से आउट सूची पर नियुक्त करने का फरमान जारी कर रखी है।उत्तराखंड शासन के प्रभारी चिकित्सा सचिव 15 सितंबर को चिकित्सा शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में संविदा पर तैनात कर्मचारियों की नियुक्ति अथवा सेवा विस्तार ई टेंडरिंग के माध्यम से की जानी है। इसलिए जल्दी से ई- टेंडरिंग की कार्यवाही शुरू की जाए। फरमान के बाद कार्यरत कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है।
आशंकित कर्मचारियों का कहना है कि यह कौन सी नीति है जरा हमको भी राज्य सरकार समझाए ? या हमारी अंधभक्त जनता हमें समझाएं कि, इससे क्या लाभ होगा? इस निजीकरण से क्या लाभ हो सकता है समझाएं? संविदा कर्मचारी जो 17 से 18 हजार हर महीने तनख्वाह लेते हैं यह भी इनकी आंखों में खल रहा है। हमारी सरकार यह भी भूल गई कि, इन कर्मचारियों ने ही इस अस्पताल को आज यहां तक लेकर आए हैं और इस कोविड महामारी में भी यह कर्मचारी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनको प्रोत्साहन देने के बजाय उनका मनोबल तोड़ रही है सरकार।