देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग की ओर से कैंसर योद्वाओं के सम्मान में हर साल की तरह इस वर्ष भी विशेष कार्यक्रम आयेाजित किया गया। कार्यक्रम में कैंसर के खिलाफ जंग जीतकर समाज के लिए नजी़र बने लोगों व उनके परिजनों ने भागीदारी की। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने कैंसर योद्धाओं व उनके परिजनों को उपहार व पुरस्कार देकर 30 अक्टूबर के दिन को और विशेष बना दिया। यह सम्मान पाकर सभी योद्धाओं व उनके परिजनों के चेहरे खिल उठे। स्तन कैंसर के प्रति जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ ने रैली निकाली। हाथों में कैंसर से डरना नहीं लड़ना है जैसे स्लोगन लिखे संदेशों से आमजन को कैंसर के प्रति जागरूक किया।
रविवार को श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हेल्थ साइंसेज के ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हेल्थ साइंसेज के प्राचार्य डॉ. यशबीर दीवान, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग के विभागाध्क्ष डॉ पंकज गर्ग ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कैंसर विजेताओं को कैंसर पर जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना इच्छाशक्ति के कोई भी लड़ाई नहीं जीती जा सकती है, जीवन का कोई भी लक्ष्य इंसान की हिम्मत से बड़ा नहीं हो सकता है। उन्होंने कैंसर योद्धाओं का आह्वाहन किया कि वह समाज में कैंसर राजदूत के रूप में कार्य करें व कैंसर के उपचार के बारे में जनजागरूकता के सहभागी बनें।
स्तन कैंसर जागरूकता माह मनाते हुए, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग ने 100 से अधिक कैंसर रोगियों को सम्मानित किया, जिन्होंने सफलतापूर्वक अपना इलाज पूरा कर लिया है और अब वह रोग मुक्त हैं। कार्यक्रम को एसोसिएशन ऑफ ब्रेस्ट सर्जन ऑफ इंडिया और श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के नर्सिंग कॉलेज के सहयोग से संचालित किया गया।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसज सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज गर्ग ने कहा कि भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है। यदि प्रारंभिक अवस्था में ही उपचार शुरू हो जाता है तो स्तन कैंसर के रोगियों को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। एक 32 वर्षीय युवती ने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि वह बेहद खुश है क्योंकि वह न केवल स्तन कैंसर से बच गई बल्कि विशेष प्लास्टिक सर्जरी तकनीकों का उपयोग करके उसके स्तन का पुनर्निर्माण भी किया गया। एक अन्य 42 वर्षीय महिला ने अपना अनुभव साझा किया कि कैसे उसके दोनों स्तन जो कैंसर से प्रभावित थे, उनका पुनर्निर्माण किया गया। उन्होंने सभी महिलाओं से आग्रह किया कि अगर उन्हें अपने स्तनों में कोई सूजन महसूस हो तो वे तुरंत कैंसर सर्जन की राय लें।
इस मौके पर ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए रैली का भी आयोजन किया गया. रैली मेडिकल कॉलेज से शुरू होकर कारगी चौक होते हुए वापस आई। कई प्रतियोगिताओं (रंगोली, पोस्टर, स्लोगन और कविता) का भी आयोजन किया गया।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर विभाग के डॉक्टरों को बधाई दी और प्रसन्नता व्यक्त की। अप्रैल 2021 में इंदिरेश अस्पताल में कैंसर सर्जरी विभाग की स्थापना की गई थी। 18 महीने की छोटी सी अवधि में, यहां पर 2000 से अधिक कैंसर रोगियों का इलाज किया है। उत्तराखंड और आसपास के क्षेत्रों के कैंसर रोगियों को पूरा करने के लिए एक समर्पित 300 बिस्तरों वाला कैंसर अस्पताल बनाया जा रहा है।
प्रोफेसर एसवीएस देव, जो एसोसिएशन ऑफ ब्रेस्ट सर्जन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं और एम्स दिल्ली में एक वरिष्ठ कैंसर सर्जन हैं, सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने कहा कि इलाज खत्म होने के बाद कैंसर से बचे लोग अक्सर कम और उदास महसूस करते हैं, और लगातार पुनरावृत्ति के डर से जूझते रहते हैं। उनके परिवार के सदस्यों, दोस्तों और कैंसर विशेषज्ञों से मजबूत भावनात्मक समर्थन, उन्हें अपने सामान्य जीवन में बेहतर तरीके से वापस आने में मदद कर सकता है।
इंदिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ अजीत तिवारी ने कहा कि अगर जल्दी और सही तरीके से इलाज किया जाए तो कैंसर ठीक हो सकता है। कैंसर सर्जन डॉ पल्लवी कौल ने इस बात पर जोर दिया कि कैंसर से बचे लोगों को नियमित रूप से आजीवन जांच करानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सब कुछ ठीक चल रहा है। प्रो यशबीर दीवान, प्राचार्य, श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हेल्थ साइंसेज़, श्रीमती रामलक्ष्मी डीन, श्री गुरु राम राय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, डॉ अजय पंडिता, चिकित्सा अधीक्षक, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल, दीपक गुप्ता, नर्सिंग अधीक्षक, भूपेंद्र रतूड़ी, मुख्य जनसम्कर्प अधिकारी कार्यक्रम में अन्य गणमान्य व्यक्ति थे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में श्री संतोष, ऑन्कोलॉजी को-ऑर्डिनेटर, मानवेंद्र रावत, जनसम्पर्क अधिकारी, सिस्टर अमृता, लाइका, अंजलि का विशेष योगदान रहा।