रिपोर्ट ।विजेंद्र राणा
देव सुमन विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक पदों पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
आपको बता दें कि विश्वविद्यालय में स्वीकृत दो सहायक परीक्षा नियंत्रक के पदों के सापेक्ष चार साल पूर्व हुई नियुक्तियों के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय में कार्यरत तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका व नियुक्ति से पूर्व सहायक परीक्षा नियंत्रकों द्वारा जमा कराये गये दस्तावेजों की सत्यता एवं वैधता की सम्यक जांच आदि हेतु विश्वविद्यालय ने माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के०डी०शाही की अध्यक्षता में एक 06 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
चार साल पूर्व डाॅ हेमन्त बिष्ट एवं वीर लाल की नियुक्ति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में सहायक परीक्षा नियंत्रक के पद पर हुयी थी। नियुक्ति के बाद कई अभ्यर्थियों ने नियुक्ति प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाये थे और शासन एवं राजभवन को शिकायतें भी प्रेषित की थी। लेकिन न ही शासन द्वारा सम्यक जांच करवायी गयी और न ही विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकरण को गंभीरता से लिया गया।
जांच के बाद विश्वविद्यालय के कुछ बड़े अधिकारियों पर भी गाज गिरने की बात सामने आ रही है जो इस पूरे विवाद में सहायक बने हुए हैं।