देहरादून। सुभारती ट्रस्ट से धोखाधड़ी के मामले में एसीजेएम चतुर्थ अभिषेक श्रीवास्तव ने मनीष वर्मा, उनकी पत्नी नीतू वर्मा व भाई संजीव वर्मा को 5-5 साल की सजा सुनाई है।
साथ ही कोर्ट से धारा 420, 467, 468 व 471 में प्रत्येक धारा में 5-5 हजार का जुर्माना लगाया है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
मनीष वर्मा ने सुभारती ट्रस्ट को जमीन बेचने के नाम पर धोखाधड़ी की थी। जिसके बाद सुभारती ट्रस्ट से मनीष वर्मा, उनकी पत्नी नीतु वर्मा व भाई संजीव वर्मा के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 में मुकदमा दर्ज कराया था। जिससें जांच की गई तो मामला सत्य पाया गया।
2014 में इस मामले में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया था। इस बीच वादी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुकदमे के जल्द विचारण की अपील की थी।
आरोप है कि इस सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष यानी वर्मा परिवार कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ था। इसके लिए सर्वाेच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे कि मनीष वर्मा व उनकी पत्नी और भाई की जमानत निरस्तीकरण का प्रार्थनापत्र कोर्ट में प्रस्तुत होने को कहा जिसके बाद तीनों को जेल भेज दिया गया था।
सोमवार को इस मामले में कोर्ट ने मनीष वर्मा, नीतु वर्मा व संजीव वर्मा को दोषी पाते हुए एसीजेएम चतुर्थ अभिषेक श्रीवास्तव ने 5-5 साल की सजा व 20-20 हजार रूपये की सजा सुनाई है। इस मामले में सरकारी एडवोकेट जावेद अहमद ने सरकार की तरफ से मामले की पैरवी की।
यह है मामला
सुभारती ट्रस्ट के ट्रस्टी की शिकायत पर मनीष वर्मा, उनकी पत्नी व भाई के खिलाफ वर्ष 2012 में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने ट्रस्ट को 100 बीघा जमीन बेचने का अनुबंध किया था, लेकिन मौके पर जमीन केवल 33 बीघा ही पाई गई। ऐसे में उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने करीब 67 बीघा जमीन के कागजात फर्जी दर्शाए थे।