कमल जगाती/नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने स्लॉटर हाउस निर्माण में देरी संबंधी जनहित याचिका पर सरकार और जिला प्रशासन के जवाब से असंतुष्ठ होकर अवमानना के आरोप तय कर दिए हैं। न्यायालय ने सभी अधिकारियों को आदेश के बावजूद वर्ष 2011 से अब तक स्लॉटर हाउस का निर्माण नहीं करने पर तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने सोमवार को सचिव सहकारी विकास, जिलाधिकारी नैनीताल, फूड सप्लाई अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका नैनीताल और नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी को एफिडेविट देकर स्लॉटर हाउस निर्माण की सटीक तिथि बताने को कहा था। आज खण्डपीठ के सामने एफिडेविट जमा किया गया जिससे न्यायालय असंतुष्ठ दिखा। वर्ष 2011 में न्यायालय के आदेश के बावजूद सरकार द्वारा स्लाटर हाउस नही बनाने पर खंडपीठ ने सचिव शहरी विकास, जिलाधिकारी नैनीताल, नगर आयुक्त हल्द्वानी, ई.ओ.नैनीताल, ई.ओ.मंगलौर, ई.ओ.रामनगर पर अवमानना के आरोप तय किये हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सी.के. शर्मा ने कहा कि न्यायालय ने इन सभी को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। आज स्लॉटर हाउस मामले में शहरी विकास के शपथपत्र से मुख्य न्यायधीश असंतुष्ठ दिखे। न्यायालय ने इन सभी लोगों को तीन सप्ताह में अवमानना संबधी जवाब पेश करने को कहा है।