सोबन सिंह जीना विश्यविद्यालय वाइस चांसलर को हाईकोर्ट का नोटिस
रिपोर्ट- कमल जगाती
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोबन सिंह जीना विश्यविद्यालय के नवनियुक्त वाइस चान्सलर (वी.सी.) एन.एस भंडारी की नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वीसी एनएस भंडारी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खण्डपीठ में हुई।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी रविन्द्र जुगराण ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि, राज्य सरकार ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के नवनियुक्त वाइस चान्सलर एनएस भंडारी की नियुक्ति यूजीसी के नियमो को दरकिनार करते हुए कर दी है। याचिकर्ता का कहना है कि, यूजीसी की नियमावली के अनुसार वाइस चान्सलर नियुक्त होने के लिए दस साल की प्रोफेसरशिप होनी आवश्यक है, जबकि एनएस भंडारी ने साढ़े आठ साल की प्रोफेसरशिप की है। उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन के मेंबर नियुक्त होने के दौरान उनकी प्रोफेशरशिप जोड़ी नहीं जा सकती है। इसलिए उनकी नियुक्ति अवैध है और उनको पद से हटाया जाए।