पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे बेरोजगारों को फिर दिया सरकार ने बड़ा झटका
– आरटीआई से मिली जानकारी में हुआ खुलासा
– कुछ माह पहले मुख्यमंत्री ने 1700 पदों पर भर्ती शासनादेश जारी किया था
रिपोर्ट- जगदंबा कोठारी
देहरादून। उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर ‘माईनस वन प्रसेंट’ का ढोंग करने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने एक बार फिर प्रदेश के बेरोजगारों को बड़ा झटका दिया है। इस बार यह झटका पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की तैयारी कर रहे शिक्षित बेरोजगारों को लगा है। आपको याद होगा कि, कुछ माह पहले मुखिया त्रिवेंद्र रावत ने बयान दिया था कि, आगामी कुंभ को देखते हुए प्रदेश में जल्द 1700 पदों पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन पदों में 1400 पुलिस कांस्टेबल और 300 पदों पर फायर ब्रिगेड में भर्ती होनी थी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे प्रदेश के हजारों बेरोजगारों में एक आस जगी और वह दिन रात एक कर पसीना बहाते हुए भर्ती की तैयारी करने लगे।
आरटीआई से मिली जानकारी से हुआ खुलासा
अब इन पदों पर भर्ती की तैयारी कर रहे बेरोजगारों के लिए एक बुरी खबर है। आरटीआई एक्टिविस्ट राम कंडवाल के द्वारा मांगी गई एक सूचना मे इस बात का खुलासा हुआ है। कंडवाल द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगी गई कि, प्रदेश के पुलिस विभाग में कुल कितने कॉन्स्टेबल पद रिक्त हैं जिन पर भर्ती होनी है तो इसका जवाब 19 जून को आया, जवाब में कहा गया कि उत्तराखंड पुलिस में कांस्टेबल पद लिए कोई भी पद रिक्त नहीं है। आरटीआई के जवाब में मिली सूचना के मुताबिक प्रदेश में एक भी कांस्टेबल का पद रिक्त ही नहीं है।
बेरोजगारों को झूठा आश्वासन दिया प्रदेश सरकार ने
जहां एक ओर प्रदेश सरकार इस वर्ष को स्वयंभू घोषित ‘रोजगार वर्ष’ के रूप में मना कर अपनी पीठ खुद थपथपा रही है वहीं दूसरी ओर विगत 6 वर्षों से पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करवा सकी। अब जब पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल का कोई पद ही रिक्त नहीं है तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने किस आधार पर प्रदेश के बेरोजगारों को झूठा आश्वासन दिया कि, जल्द पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह युवा विगत कई वर्षों से पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में प्रदेश का युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।
ओवर एज हो चुके हैं हजारों अभ्यर्थी
उत्तराखंड पुलिस की भर्ती साल 2014 के बाद से अब तक नहीं आई है।भर्ती की तैयारी कर रहे कई युवा ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 22 पार कर चुकी है और वह अब भर्ती में शामिल नहीं हो सकते हैं।ऐसे में 6 साल बीत चुके हैं। कई युवा है जो लगातार तैयारी कर रहे थे जो 22 की उम्र पार कर चुके हैं और अब उनकी उम्र जा चुकी है। इसके साथ ही कई युवा हैं जो उत्तराखंड पुलिस में भर्ती होना चाहते हैं वह भी लगातार तैयारी कर रहे हैं लेकिन भर्ती नहीं आने से सभी युवाओं में निराशा है। और वह सब भर्ती का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों ने 2021 में आयोजित होने वाले कुंभ को लेकर भी भर्ती की जाने की बात कही थी। जिन युवाओं की उम्र जा चुकी है क्या सरकार उनके बारे में कुछ सोचेगी!
सवालों के घेरे में आगामी कुंभ सुरक्षा
अगले वर्ष हरिद्वार में कुंभ आयोजित होने वाला है। जिसके मद्देनजर पुलिस बल की कमी के चलते प्रदेश में 1700 पदों पर पुलिस कांस्टेबल भर्ती का शासनादेश मुख्यमंत्री ने जारी किया था। लेकिन अब भर्ती नहीं होने से कुंभ ड्यूटी के लिए प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों से ही अतिरिक्त सुरक्षा बल मंगाना पड़ेगा।
बड़ा सवाल
पिछली पुलिस कांस्टेबल भर्ती वर्ष 2014 में आयोजित की गई थी। अब अहम सवाल उठता है कि इन 6 वर्षों में क्या पुलिस कांस्टेबल में कोई पदोन्नति नहीं हुई और साथ ही क्या कोई पुलिस कर्मचारी सेवानिवृत्त भी नहीं हुआ है जो पुलिस महकमे में एक भी कॉन्स्टेबल का पद रिक्त नहीं है। ऐसे ही कुछ सवाल हैं प्रदेश सरकार से जिनके जवाब प्रदेश का शिक्षित बेरोजगार मांग रहा है।
कांग्रेस ने बनाया मुद्दा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मामले को लपकते हुए मुख्यमंत्री को घेरा, उन्होंने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। एक और मुख्यमंत्री पुलिस कांस्टेबल पदों पर भर्ती की बात करती है वही आरटीआई से मिली सूचना के आधार पर पुलिस महकमे में कोई पद ही रिक्त नहीं है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री बार-बार अपने किए वादों से मुकर जाते हैं।