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शिफन कोर्ट: जनता के संघर्ष की हुई जीत। बेघर हुई जनता को अब मिलेगा घर। पालिकाध्यक्ष ने किया प्रस्ताव पास

जनता के संघर्ष की हुई जीत। बेघर हुई जनता को अब मिलेगा घर। पालिकाध्यक्ष ने किया प्रस्ताव पास

देहरादून। मसूरी के शिफन कोर्ट से बेघर किये गये 84 परिवारों की लड़ाई के लिये आम आदमी पार्टी मसूरी और शिफन कोट की जनता लगातार संघर्षरत थी और इस दौरान धरने प्रदर्शन करते हुए उन पर कई बार मुकदमें भी दर्ज किये गये। लेकिन नतीजा यह रहा कि, मसूरी पालिका अध्यक्ष और बोर्ड को ज़मीन का प्रस्ताव पास करना पड़ा।

“आप” प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने गुरुवार को मीडिया में। ब्यान जारी करते हुए कहा कि, ये आम आदमी पार्टी और शिफन कोट की जनता के संघर्ष की जीत है। जिसके आगे पालिका अध्यक्ष और बोर्ड को झुकना पड़ा और ज़मीन का प्रस्ताव पास कर शासन को भेजा।

उन्होंने कहा कि, क्या आईडीएच में इतने लोगों को विस्थापित करने के लिये पर्याप्त ज़मीन है? जबकि पहले से विस्थापित लोगों के लिए अभी भी 56 फ्लैट बनने बाकी हैं और शिफन कोर्ट के 84 परिवार मिलाकर कुल 150 फ्लैट बनेंगे। आदमी पार्टी मांग करती है कि, मसूरी नगर पालिका और शासन सूचना को सार्वजनिक करे कि, कितने लोग विस्थापित होंगे। विस्थापन के लिये ज़मीन कहाँ और कितनी दी गयी है, कब ये फ्लैट बनकर तैयार होंगे और कब तक शिफन कोट की जनता को वहा स्थायी तौर पर विस्थापित किया जायेगा?

पिरशाली ने यह भी कहा कि, मसूरी पालिका अध्यक्ष ने कहा था कि “मैं दो दिन के अंदर शिफन कोर्ट के लोगों का अस्थायी विस्थापन का इंतज़ाम कर दूंगा” लेकिन शिफन कोट की जनता बिना किसी प्रकार की सुविधा के आज भी वैसे ही रहने को मजबूर है। मसूरी विधायक गणेश जोशी कह रहे थे कि, जैसे ही पालिका ज़मीन चिन्हित करेगी तो वो उसी समय वहाँ पर उनके लिये अस्थायी व्यवस्था कर देंगे, लेकिन आज तक सूरी विधायक का पता नहीं है, शिफन कोट की जनता उनको ढूंढ रही है।

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