उत्तराखंड के नैनीताल में रहने वाले तिब्बती समाज के सैकड़ों अनुयायिओं ने आज बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर सरोवर नगरी में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। दर्जनों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने तिब्बत की आजादी की मांग की। तिब्बती समाज के लोगों ने बड़ा बाजार और मॉल रोड में तिब्बत की आजादी की मांग को लेकर जुलूस निकाला । तिब्बति समुदाय के लोगो ने बताया की आज 62वां तिब्बती विधरोह दिवस है जिसे वो मना रहे हैं ।
उन्होंने तिब्बत की आजादी के लिए बलिदान देने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।बताया कि तिब्बत में चीन के कब्जे के बाद से 12 लाख तिब्बतियों ने अपनी जान गवाई है और लगभग 98 प्रतिशत बौद्ध मठों को तहस नहस कर दिया गया था ।
बता दें की, वर्ष 1950 में चीन द्वारा तिब्बत में कब्जे के बाद तिब्बती नागरिकों ने बड़ी संख्या में जान बचाकर भारत में शरण ली थी। तिब्बतियों के देवता तुल्य दलाई लामा की अगुवाई में ये लोग भारत के विभिन्न हिस्सों में शरणार्थी बनकर रह रहे हैं। तभी से लाखों तिब्बती यहाँ छोटा मोटा व्यवसाई करके जीवन यापन कर रहे हैं।