बड़ी खबर: टिहरी के इस गांव में चुनाव बहिष्कार का बिगुल।सड़क की मांग पर अड़े ग्रामीण

  • “रोड नहीं तो वोट नहीं”: टिहरी के क्यारदा गांव ने पंचायत चुनाव के बहिष्कार का किया ऐलान

घनसाली (टिहरी गढ़वाल)।
टिहरी जनपद के भिलंगना विकासखंड अंतर्गत ग्राम क्यारदा (नैलचामी) के ग्रामीणों ने वर्षों से लंबित सड़क निर्माण की मांग पूरी न होने पर पंचायत चुनाव के पूर्ण बहिष्कार का निर्णय लिया है। ग्रामीणों ने शनिवार, 28 जून को उपजिलाधिकारी घनसाली के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड को ज्ञापन भेजकर अपनी नाराजगी जताई।

ग्रामीणों का कहना है कि क्यारदा एक ऐसा गांव है जहां किसान व उद्यान मित्र बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन करते हैं, लेकिन आज तक इस गांव को सड़क जैसी बुनियादी सुविधा तक नहीं मिल पाई। वर्षों से सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे नाराज ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है।

कोरोना काल में खुद बनाई थी कच्ची सड़क

गांववालों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने मिलकर खुद गेंती, सब्बल और कुदाल से कच्चा मोटर मार्ग तैयार किया था, ताकि गांव तक पहुंच आसान हो सके। इसके बावजूद सरकार की ओर से अब तक कोई स्थायी सड़क निर्माण की पहल नहीं की गई। ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अब भी उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे अनशन और सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने को भी बाध्य होंगे।

विकास के वादों पर सवाल

क्यारदा गांव के लोगों ने सवाल उठाया कि जब सरकार हर गांव को सड़क से जोड़ने का दावा कर रही है, तो उनके गांव को अब तक क्यों नजरअंदाज किया गया? ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यह केवल चुनावी वादों तक सीमित रह गया है, जमीनी हकीकत में कोई बदलाव नहीं आया।

ज्ञापन सौंपने वालों में ये लोग रहे शामिल

  • शौकार सिंह कंडारी
  • कैप्टन हुकम सिंह
  • शौकार सिंह (गुड्डू)
  • शेर सिंह
  • विशन सिंह
  • दीपक कंडारी
  • अरविंद कंडारी

ग्रामीणों ने साफ कहा है कि जब तक सड़क नहीं बनती, वे वोट नहीं डालेंगे। उनका यह कदम न केवल सरकार को झकझोरने वाला है, बल्कि यह उन हजारों गांवों की भी आवाज बन सकता है जो अब भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।

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