राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने टीएचडीसी प्रबंधन द्वारा स्थानीय लोगों के प्रति लंबे समय से किए जा रहे दोयम दर्जे के व्यवहार को लेकर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि रात्रि के समय स्थानीय लोगों को टिहरी डैम के ऊपर से नहीं गुजरने दिया जाता है। इससे उन्हें 16 किलोमीटर की अतिरिक्त लंबी दूरी तय करके अपने गांव जाना पड़ता है। कई बार स्वास्थ्य, प्रसव संबंधी दिक्कतों के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि भाखड़ा नांगल बांध जैसे बड़े बांधों के ऊपर से भी 24 घंटे आवाजाही की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में टीएचडीसी कि यह मनमानी काफी आक्रोशित करने वाली है।
राजस्व का लाभ उत्तराखंड को मिले
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय डोभाल ने कहा कि टिहरी बांध से मिलने वाले राजस्व का लगभग 1000 करोड रुपए प्रतिवर्ष उत्तर प्रदेश को दिया जा रहा है। जबकि यह उत्तराखंड को दिया जाना चाहिए। टिहरी बांध का मालिकाना हक उत्तर प्रदेश से वापस लेकर पूरी तरह से उत्तराखंड को दिया जाना चाहिए। यदि जल्दी ही ऐसा नहीं किया गया तो राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होगी।
अभी भी अनसुलझा है विस्थापन का मुद्दा
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के गढवाल प्रभारी प्रमोद डोभाल ने नाराजगी जताई कि टिहरी झील से लगे गांवों के प्रति टिहरी बांध प्रशासन का रवैया शुरू से ही दोयम दर्जे का रहा है। भूस्खलन के शिकार लगभग 17 गांव के विस्थापन की प्रक्रिया तक अभी तक ठीक से शुरू नहीं हुई है। इसे तत्काल शुरू किया जाए और ग्रामीणों को भूमि के बदले भूमि आवंटित की जाए।
स्थानीय लोगों को मिले प्राथमिकता
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के जितेंद्र थपलियाल ने कहा कि
टिहरी बांध से जुड़े हुए रोजगार के अवसरों को प्राथमिकता से स्थानीय लोगों को प्रदान किया जाए। चाहे टिहरी बांध से सिल्ट हटाने का काम हो अथवा टिहरी बांध में वोटिंग का मसला हो या फिर टिहरी बांध से मछली पकड़ने का काम हो, यह सभी स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से आवंटित किए जाने चाहिए। इसमें जिला पंचायत तथा कैचमेंट एरिया के आधार पर ग्राम पंचायत को रॉयल्टी तथा अन्य अधिकार दिए जाएं। इसके लिए प्रभावी नीति बनाई जाए।
आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी टिहरी जिला अध्यक्ष विशन कंडारी ने कहा कि सुविधाएं देने के नाम पर टिहरी बांध प्रबंधन हाथ खड़े कर देता है। उन्होंने मांग की है कि
लगभग 42 वर्ग किलोमीटर में टिहरी झील के किनारे कोई स्थाई श्मशान घाट भी नहीं है। जल स्तर ऊपर नीचे होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का प्राथमिकता से समाधान किया जाए।
इसके अलावा सीएसआर फंड देशभर में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों के इशारे पर आवंटित किया जाता है। जबकि टिहरी डैम से लगे टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में सीएसआर फंड से बहुत ही न्यूनतम सहायता उपलब्ध कराई जाती है। सीएसआर फंड से जुड़े ‘सेवा’ कार्यालय को तत्काल ऋषिकेश से हटाकर नई टिहरी अंतरित किया जाए, ताकि स्थानीय लोग इस कार्यालय से योजनाओं का लाभ ले सकें।
पार्टी ने कहा कि टीएचडीसी के कार्यालयों में फोर्थ क्लास और सिक्योरिटी गार्ड के पदों पर भी उत्तराखंड से बाहर के लोगों को नियुक्ति दी जा रही है जो कि बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है टीएचडीसी में उत्तराखंड के ही बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता से तैनाती दी जानी चाहिए।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने चेतावनी दी है कि उपरोक्त उपरोक्त सभी समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण किया जाए तथा स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए अन्यथा टिहरी जिले के लोगों की सुख सुविधाओं की बलिदान देकर बने टिहरी डैम में स्थानीय लोगों के हितों को नजरअंदाज किया गया तो फिर आने वाले समय में टिहरी डैम प्रबंधन और उत्तराखंड सरकार को व्यापक जन आक्रोश और जन आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।