स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में ब्लैकमेल कर शादीशुदा युवती का शारीरिक शोषण करने के मामले में कांग्रेसी नेता तरुण की एंटीसिपेटरी बेल खारिज करते हुए एप्लिकेशन को निस्तारित कर दिया है ।
मामले के अनुसार हल्द्वानी में तरुण नाम का युवक वर्ष 2018 से एक युवती को लगातार शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर कर रहा था ।
पीड़ित युवती के उच्च न्यायालय में अधिवक्ता सी.के.जोशी ने बताया की एक प्रमुख राजनीतिक दल से ताल्लुक रखने वाले तरुण ने हल्द्वानी निवासी पीड़िता को बलपूर्वक बलात्कार और पिस्तौल से धमकी दी । उसने पीड़िता के खराब किडनी वाले बीमार पति को सबकुछ बताकर ब्लैकमेल किया ।
पीड़ित ने मिलना बन्द करा तो तरुण ने उसे जगह जगह रोकककर धमकी देनी शुरू कर दी । पीड़िता ने तरुण की पत्नी से शिकायत की तो उसके ठिकानों में तोड़फोड़ की गई । पीड़िता ने ट्रस्ट होकर अपने पति को बताया जजिस्के बाद पति ने उसका साथ देना का आश्वासन दिया। इसके बाद पीड़िता 24 जुलाई को मुखानी थाने शिकायक्त लेकर पहुंची । दो दिनों के बाद भी शिकायक्त दर्ज नहीं हुई । तरुण की प्रभावशाली सास ने दबाव बनाया और एफ.आई.आर.की शिकायत वापस लेने को कहा । पीड़िता शिकायक्त लेकर उच्चाधिकारी के पास पहुंची तो मुकदमा दर्ज हुआ । थानाध्यक्ष द्वारा मुकदमा होने के बाद पीड़िता को थाने बुलाया गया और शारीरिक संबंध बनाने और 5 लाख रुपये एस.एस.पी.तक पहुंचाने के लिए मांगे गए । शिकायती जांच के दौरान एस.ओ.को सस्पेंड कर दिया गया । न्यायालय के कड़े रुख के बाद एस.ओ.दीपक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया ।
आज न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने तरुण कि एंटीसिपेटरी बेल पर अंतिम सुनवाई के बाद राहत न देते हुए बेल ऐप्लिकेशन खारिज कर दी है । इसके बाद तरुण को सरेंडर करने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया है ।