त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: इन कारणों से रद्द हो सकता है नामांकन!

काशीपुर, जुलाई 2025 — उत्तराखंड में आगामी पंचायत चुनावों को लेकर सख्ती बढ़ती जा रही है। अब वे लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे जो अशिक्षित, अतिक्रमणकारी, अपराधी, दो से अधिक जीवित संतान वाले, या शौचालय विहीन घर में रहते हैं। इसके अलावा, अगर कोई पुरुष निर्वाचित महिला पदाधिकारी के स्थान पर काम कर रहा हो, तो वह भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा।

यह जानकारी सूचना अधिकार कार्यकर्ता और 45 से अधिक कानूनी पुस्तकों के लेखक नदीम उद्दीन ने साझा की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 (संशोधित) की धारा 8, धारा 53, और धारा 90 के तहत ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनावों में उम्मीदवारों की अयोग्यता को स्पष्ट किया गया है।


📌 कौन हैं पंचायत चुनाव में अयोग्य?

1. अशिक्षित व्यक्ति:
ऐसा कोई व्यक्ति जिसने मान्यता प्राप्त बोर्ड से हाई स्कूल (10वीं) या समकक्ष परीक्षा पास नहीं की है। अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए कम से कम कक्षा 8 उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

2. अतिक्रमणकारी:
जिसने सरकारी या पंचायती भूमि पर अवैध कब्जा किया हो या उससे लाभ प्राप्त कर रहा हो।

3. दो से अधिक जीवित संतान:
ऐसा व्यक्ति जिसकी दो से अधिक जीवित संतानें हैं, चुनाव लड़ने से वंचित रहेगा।

4. घर में शौचालय नहीं:
जिसके घर में शौचालय की व्यवस्था नहीं है, उसे चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

5. महिला के स्थान पर पति या परिवार का सदस्य कार्यरत:
महिला पदाधिकारी की जगह पति या परिवार का कोई सदस्य पद के दायित्व निभा रहा हो, तो उसे भी अयोग्य माना जाएगा।


🔴 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भी अपात्र

नदीम उद्दीन के अनुसार, जिन व्यक्तियों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8, 8क, 9, 9क, 10 के अंतर्गत अयोग्य घोषित किया गया हो, वे भी चुनाव नहीं लड़ सकते। इसके अतिरिक्त निम्नलिखित अपराधों में दोषसिद्ध व्यक्ति भी चुनाव में भाग नहीं ले सकते:

  • साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले (धारा 153A, 196 BNS)
  • चुनाव में रिश्वत या प्रभाव का प्रयोग
  • बलात्कार, मादक पदार्थ, घरेलू हिंसा, आतंकवाद, राष्ट्रविरोधी गतिविधियां
  • उपासना स्थल कानूनों का उल्लंघन
  • खाद्य मिलावट, मुनाफाखोरी, जमाखोरी, आवश्यक वस्तु अधिनियम, दहेज कानून
  • सती प्रथा, सिविल अधिकारों का उल्लंघन
  • किसी भी अपराध में 2 वर्ष या अधिक की सजा

⚠️ नामांकन रद्द और चयन के बाद भी हटाए जा सकते हैं

नदीम उद्दीन ने यह भी बताया कि यदि कोई अयोग्य व्यक्ति गलती से चुनाव लड़ लेता है या चुनाव जीत भी जाता है, तो भी उसका नामांकन रद्द किया जा सकता है। चुनाव के बाद याचिका दाखिल कर उसे अयोग्य घोषित कराया जा सकता है। इसके अलावा, सरकार स्वयं भी ऐसे पदाधिकारी को हटा सकती है।

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों के नियम पहले से अधिक सख्त और स्पष्ट हो चुके हैं। योग्य उम्मीदवारों को प्रोत्साहित करने और पंचायतों को भ्रष्टाचार और अयोग्यता से मुक्त रखने के लिए यह एक बड़ा और प्रभावी कदम माना जा रहा है।

चुनाव लड़ने से पहले अब जरूरी है कि हर उम्मीदवार इन शर्तों का अच्छी तरह से अध्ययन कर ले, ताकि नामांकन रद्द होने की नौबत न आए।

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