कार्रवाई के लिए दो दिन बचे। अमनमणि मामले में 31 को हाईकोर्ट में डेट
अमनमणि मामले में कार्यवाही करने के लिए उत्तराखंड सरकार के पास अब 2 दिन का ही समय शेष बचा है।
उत्तराखंड अमनमणि त्रिपाठी को स्पेशल पास जारी किए जाने को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को 31 जुलाई तक कार्यवाही करके कोर्ट को बताने का आदेश दिया था। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन तथा न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए दिया था।
गौरतलब है कि मई महीने में विधायक अमन मणि त्रिपाठी सहित 10 लोगों को केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने के लिए उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने पास जारी करने के आदेश दिए थे। अपर मुख्य सचिव के आदेश पर डीएम और एडीएम देहरादून ने यह पास बनाए थे। जब इन नियम विरुद्ध स्पेशल पास को लेकर बवाल हुआ और अपनी गर्दन फंसती दिखी तो ओम प्रकाश ने गेंद डीएम और एडीएम के पाले में खिसका दी थी। अमनमणि आदि को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता की पित्र कर्म के नाम पर इन धामों में जाने की अनुमति दी गई थी।
लॉकडाउन में यह नियम विरुद्ध अनुमति देने के खिलाफ पत्रकार उमेश शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जनहित याचिका पर 14 जुलाई को उत्तराखंड हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस मामले में कार्यवाही करके 31 जुलाई तक हाई कोर्ट को बताने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका निस्तारित करते हुए यह भी निर्णय लिया था कि यदि कार्यवाही से संतुष्ट ना हो तो याचिकाकर्ता दोबारा से हाईकोर्ट आ सकते हैं।
लॉक डाउन के दौरान स्पेशल पास जारी करने पर उत्तराखंड सरकार पर भी सवाल खड़े हुए थे। 14 जुलाई के बाद से सरकार के पास कार्यवाही के लिए पूरे 15 दिन मिले हैं। आजकल सरकारी कामकाज की गति वैसे भी काफी धीमी है इसलिए सरकार व्यस्तता का बहाना करके यह भी नहीं कह सकती कि उसे और समय दिया जाए। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार क्या कार्यवाही करके हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट जमा करती है। बहरहाल याचिकाकर्ता के पास संतुष्ट न होने पर फिर से हाई कोर्ट आने का विकल्प पहले से ही खुला है। ऐसे में सरकार की कार्रवाई पर सभी की नजर टिकी है।