श्रीनगर। एचएनबी विवि में भौतिकी प्रयोगशाला में कार्यरत डा. आलोम शर्मा गौतम, संजीव कुमार व अभिषेक जोशी ने उत्तराखंड में लॉकडाउन के दौरान 12 से 4 बजे तक का समय आमजन को खेलने के लिए सबसे उपयोगी बताया है।
डॉ. गौतम ने बताया कि दोपहर का समय मौसम के अनुकूल और कोरोना संक्रमण के फैलने से बचने का उपयुक्त समय है और उत्तराखंड सरकार को सुबह के समय परिवर्तन कर दोपहर के समय 12 बजे से 4 बजे तक लोगों को आवश्यक खरीददारी करने के लिए उचित समय है। इससे प्रदेश को इस महामारी के फैलने से बचाया जा सकता है।
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस पर तापमान और आर्द्रता के प्रभाव पर शोध कर रहे डॉ. गौतम बताया कि हवा से वायरस नहीं फैलता है, लेकिन यह तापमान और सापेक्षिक आद्रता से संबंधित है। डॉक्टर ने बताया कि फरवरी और मार्च में बीच-बीच में पश्चिमी विक्षोभ चलते हैं। बारिश और मौसम में परिवर्तन हो रहे हैं, लेकिन अभी मार्च के अंतिम सप्ताह तक वातावरण में नमी बनी हुई है और तापमान की अन्य वर्षो की अपेक्षाकृत कम है।
डॉ. गौतम और शोध छात्रों ने विशेषज्ञों की राय और सर्वे के आधार पर पाया कि कोरोना वायरस 13 से 24 डिग्री सेल्सियस तापमान पर आसानी से जिंदा रहता है और इस वातावरण में आसानी से संक्रमित व्यक्ति में फैल जाता है।
डॉ. गौतम, संजीव कुमार और अभिषेक ने बताया कि यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रैंस वेदर फोरकास्ट मॉडल के आधार पर अगले दिनों 6 अप्रैल तक का तापमान और सापेक्षिक आर्द्रता का अध्ययन श्रीनगर, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, जोशीमठ और पौड़ी गढ़वाल के लिए किया गया और 1 अप्रैल से 6 अप्रैल तक प्रत्येक घंटे का तापमान और सापेक्षिक आर्द्रता को देखा गया। जिसमें पाया गया कि पौड़ी, जोशीमठ और टेहरी गढ़वाल में सुबह के समय में सापेक्षिक आद्रता 50 से 80 प्रतिशत बनी हुई है। वहीं दोपहर के समय में सापेक्ष गति से 45 रही है, जो कि दोपहर का समय जनता को खेलने के लिए उपयुक्त है। वहीं श्रीनगर और देहरादून भी दोपहर के समय के लिए अनुकूल है, क्योंकि अगर कोई संक्रमित व्यक्ति और वायरस किसी भी सतह पर दोपहर के संक्रमण के दौरान बचाव किया जा सकता है।
डॉ. गौतम ने बताया कि प्रयोगशाला के आंकड़े और मॉडल के आधार पर जो निष्कर्ष निकले हैं, उसमें उत्तराखंड के लिए काफी मददगार साबित हो सकते है, क्योंकि विश्व के अन्य वैज्ञानिकों द्वारा भी तापमान और सापेक्षिक आद्रता का संबन्ध संक्रमण से देखा गया है। उसी को आधार मानते हुए यह शोध निष्कर्ष निकाले हैं।